संघ परिवार के एजेंडे का प्रचार कर रही है ‘द केरल स्टोरी’- CM पिनराई विजयन

तिरुवनंतपुरम: केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने ‘द केरल स्टोरी’ फिल्म के निर्माताओं पर निशाना साधते हुए रविवार को कहा कि वे फिल्म के जरिए ‘लव जिहाद’ का मुद्दा उठाकर राज्य को धार्मिक अतिवाद के केंद्र के रूप में पेश करने संबंधी संघ परिवार के एजेंडे का प्रचार कर रहे हैं. विजयन ने कहा कि ‘लव जिहाद’ जैसे विषय को अदालतें, जांच एजेंसियां और यहां तक कि केंद्रीय गृह मंत्रालय भी खारिज कर चुका है.

उन्होंने कहा कि हिंदी फिल्म का ट्रेलर पहली नजर में ऐसा प्रतीत होता है कि मानो इसे सांप्रदायिक ध्रुवीकरण पैदा करने और राज्य के खिलाफ नफरत फैलाने के कथित उद्देश्य से ‘जानबूझकर निर्मित’ किया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जांच एजेंसियों, अदालतों और केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से ‘लव जिहाद’ के मुद्दे को खारिज किए जाने के बावजूद दुनिया के सामने केरल को अपमानित करने के लिए फिल्म के जरिए प्रमुख रूप से इस मुद्दे को उठाया जा रहा है. विजयन ने एक बयान में कहा कि इस तरह की प्रचार फिल्मों और उनमें दिखाए गए मुसलमानों के अलगाव को केरल में राजनीतिक लाभ हासिल करने के संघ परिवार के प्रयासों के संदर्भ में देखा जाना चाहिए. उन्होंने संघ परिवार पर ‘सांप्रदायिकता का जहरीला बीज बो कर’ राज्य में धार्मिक सद्भाव को नष्ट करने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया.

इस बीच, भाजपा ने सवाल किया कि केरल में धार्मिक आतंकवाद के मजबूत होने के दावों की व्याख्या राज्य के खिलाफ नफरत फैलाने के रूप में कैसे की जा सकती है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने मुख्यमंत्री के बयान के खिलाफ एक फेसबुक पोस्ट में दावा किया कि कथित तौर पर वामपंथी पार्टी के करीबी एवं राज्य के पूर्व पुलिस प्रमुख लोकनाथ बेहरा ने कहा था कि केरल में आतंकवादी ताकतों की मजबूत उपस्थिति है. इससे पहले दिन में, विजयन ने आरोप लगाया कि चूंकि संघ परिवार की बंटवारे की राजनीति केरल में काम नहीं कर रही थी, जैसा कि उसने अन्य जगहों पर किया, वह इसे 'फर्जी कहानियों' पर आधारित एक फिल्म के जरिए फैलाने की कोशिश कर रहा है. यह फिल्म किसी भी तथ्य या साक्ष्यों पर आधारित नहीं है. विजयन ने कहा कि फिल्म के ट्रेलर में हमने देखा कि केरल में 32,000 महिलाओं का धर्मांतरण किया गया और उन्हें इस्लामिक स्टेट का सदस्य बनाया गया. यह फर्जी कहानी संघ परिवार की झूठ की फैक्ट्री का उत्पाद है.’’

उन्होंने कहा कि राज्य में संप्रदायवाद फैलाने और विभाजन पैदा करने के लिए सिनेमा के इस्तेमाल का औचित्य अभिव्यक्ति की आजादी नहीं हो सकता. उन्होंने कहा, ‘‘ यह झूठ और सांप्रदायिकता फैलाने और राज्य में लोगों को बांटने का लाइसेंस नहीं है.’’ विजयन ने मलयाली लोगों से ऐसी फिल्मों को अस्वीकार करने और झूठे प्रचार के माध्यम से समाज में सांप्रदायिक अशांति फैलाने के प्रयासों के खिलाफ सतर्क रहने का आग्रह किया. उन्होंने असामाजिक गतिविधियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी. कुछ दिन पहले, राज्य में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और विपक्षी दल कांग्रेस ने विवादास्पद फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ पर निशाना साधते हुए कहा था कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार समाज में जहर उगलने का लाइसेंस नहीं है और यह फिल्म राज्य के सांप्रदायिक सद्भाव को नष्ट करने का एक प्रयास है. कांग्रेस ने सरकार से विवादास्पद फिल्म के प्रदर्शन की अनुमति नहीं देने का आग्रह किया क्योंकि इसका उद्देश्य ‘झूठे दावों के माध्यम से समाज में सांप्रदायिक विभाजन’ पैदा करना है .

सत्तारूढ़ माकपा की युवा शाखा डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) ने भी फिल्म की जमकर तीखी आलोचना की और कहा कि इसका ट्रेलर ही धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला है और संगठन ने इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की. ‘द केरल स्टोरी’ का निर्देशन सुदीप्तो सेन ने किया है. इसकी पटकथा भी सुदीप्तो ने ही लिखी है. यह फिल्म पांच मई को सिनेमाघरों में रिलीज होगी. फिल्म में दर्शाया गया है कि किस तरह से केरल की लगभग 32 हजार महिलाओं का कथित रूप से धर्मांतरण किया गया, उन्हें कट्टरपंथी बनाया गया और फिर उन्हें भारत तथा दुनिया में आतंकवादी मिशन को अंजाम देने के लिए तैनात किया गया. सोर्स- भाषा