VIDEO: परिवहन विभाग सख्त ! राजस्व लक्ष्य को पूरा करने में झोंकी ताकत, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: राजस्व लक्ष्य को पूरा करने के लिए परिवहन विभाग ने पूरी ताक़त झोंक दी है. ACS के निर्देशों के बाद प्रदेशभर में अवैध परिवहन पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की जा रही है.

परिवहन विभाग को इस बार भारी भरकम 7700 करोड़ का राजस्व लक्ष्य मिला है. लेकिन फ़रवरी शुरू होने के बाद भी विभाग को अभी तक लक्ष्य के मुक़ाबले 65 फ़ीसदी राजस्व ही मिल पाया है. ऐसे में परिवहन विभाग के अधिकारियों ने लक्ष्य तक पहुँचने के लिये पूरी ताक़त लगा दी है. बीते दिनों परिवहन आयुक्त मनीषा अरोड़ा ने ख़ुद अजमेर हाईवे पर जा कर रात में कई घंटे तक चेकिंग की अब ACS श्रेया गुहा ने विभाग में इंटररीजन चेकिंग करने के आदेश जारी किए हैं. ACS के आदेशों के बाद RTO दूसरे रीजन में जा कर लगातार कार्रवाई कार रहे हैं. बीते 4 दिनों में ही विभाग में क़रीब 1 हज़ार वाहनों के चालान किए हैं. वहीं बकाया टैक्स को वसूलने के लिए भी RTO और DTO प्रो एक्टिव हो कर काम कार रहे हैं. वित्तीय वर्ष के आख़िरी 2 महीने बचने के कारण विभागीय अधिकारियों की कोशिश है कि अधिक से अधिक राजस्व हासिल किया जाये. अधिकारियों को सक्रिय रखने के लिए ACS और परिवहन आयुक्त महीने में 2 बार VC से रिव्यू बैठक भी कर रहे हैं.

परिवहन विभाग के राजस्व लक्ष्य को पुरा करने में विभाग के ही कुछ RTO और DTO का ख़राब प्रदर्शन आड़े आ रहा है. अभी भी कई RTO और DTO ऐसे हैं जो रेवन्यू रैंकिंग में काफ़ी निचले पायदान पर हैं. RTO की बात की जाये तो जोधपुर, बीकानेर, अलवर, का प्रदर्शन चिंताजनक है वहीं DTO में सुमेरपुर, सादुलपुर और रामगंजमंडी का भी बहुत बुरा हाल है अच्छी संभावना वाले DTO भीनमाल और जालौर भी रैंकिंग में बहुत पिछड़े हुए हैं. परिवहन मुख्यालय रैंकिंग में पीछे चल रहे अधिकारियों पर कार्रवाई की तैयारी भी कर रहा है. विभाग ने सभी RTO रीजन  में मुख्यालय के अधिकारियों को प्रभारी लगाया है जो लगातार फ़ील्ड में दौरे कर रहे हैं. जल्द ही डिप्टी CM प्रेमचंद बैरवा भी विभाग की राजस्व स्तिथि की समीक्षा करने वाले हैं. मुख्यालय के अधिकारियों का मानना है कि मार्च के महीने तक विभाग राजस्व लक्ष्य को हासिल कर लेगा.

बहरहाल राजस्व लक्ष्य के लिए तो परिवहन विभाग पूरी तरह से सक्रिय नज़र आ रहा है लेकिन राजस्व की आपाधापी  में  विभाग का महत्वपूर्ण काम सड़क सुरक्षा  पीछे छूट गया है. सड़क सुरक्षा माह चलने के बाद भी इस ओर विभाग का ख़ास ध्यान नहीं हैं.