राजस्थानः राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर मतगणना शुरू हो चुकी हैं. कुल 119 सीटों को लेकर काउंटिंग सुबह 8 बजे से जारी है. जिसने अब सभी की दिल की धड़कनों को बढ़ा के रख दिया है. इसी बीच आज केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने जयपुर के आराध्य गोविंद देव जी की मंगला झांकी के दर्शन किए. और जीत की कामना की. इस दौरान वो श्रद्धालुओं से भी मिले.
कुल 119 सीटों को लेकर काउंटिंग सुबह 8 बजे से जारी है. जो आज सरकार के अंतिम नाम पर मुहर लगायेगी. कि आखिर प्रदेश में किस पार्टी की सत्ता बनेगी. जिसको लेकर तैयारियों को पूरा कर ली गयी है. मतगणना स्थल और उसके आस-पास के क्षेत्र में सुरक्षा के पुख्ता इंतजामात किए गए हैं बता दें कि राजस्थान की 199 सीटों पर कुल 1875 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद है.
सभी केंद्रों पर पोस्टल बैलेट और इसके बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के परिणाम आना शुरू हो जाएंगे. प्रत्येक चरण का परिणाम रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा अनाउंस कराया जाएगा. राज्य की 199 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए सभी 36 केंद्रों पर मतगणना के लिए 1121 एआरओ की ड्यूटी लगाई गई है. जयपुर, जोधपुर एवं नागौर में दो-दो केंद्रों पर और शेष 30 निर्वाचन जिलों में एक-एक केंद्र पर वोटों की गिनती की जाएगी. 51890 मतदान केन्द्रों पर ईवीएम में प्राप्त मतों की गणना के लिए मतगणना केन्द्रों पर 2524 टेबल लगाई गई है. इनमें कुल 4245 राउंड में मतों की गिनती का कार्य पूरा होगा. शिव विधानसभा क्षेत्र के लिए मतगणना सर्वाधिक 41 राउंड तक चलेगी, जबकि अजमेर दक्षिण के लिए मतगणना 14 राउंड में ही पूरी हो जाएगी. इस दौरान प्रत्याशी के एक-एक एजेंट भी मौजूद रहेंगे. जोकि काउंटिंग का रिकॉर्ड तैयार करेंगे.
केन्द्रीय पुलिस बलों की 40 कम्पनियां ईवीएम की सुरक्षा के लिए और आरएसी की 36 कम्पनियां मतगणना केन्द्रों पर तैनात रहेंगी. आरएएसी की 99 कम्पनियां विभिन्न जिलों में कानून-व्यवस्था के मद्देनजर तैनात की जाएंगी. इन चुनावों में कुल 4 लाख 36 हजार 664 मतदाताओं ने पोस्टल बैलट का उपयोग किया है, जिसमें से 80 वर्ष से अधिक उम्र के 49 हजार 365, दिव्यांग श्रेणी के 11 हजार 656 एवं आवश्यक सेवाओं के 4 हजार 427 तथा मतदान प्रक्रिया में जुटे 3 लाख 71 हजार 166 मतदाता शामिल है.
आयोग के निर्देशों की पालना करते हुए परिणाम बिना किसी त्रुटि एवं देरी के समय रहते घोषित किए जाएं. उन्होंने कहा कि मतगणना में पूर्ण निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा अपनाई जा चुकी ‘मैंडेटरी वैरीफिकेशन‘ पद्धति को भी लागू किया जाएगा. इसमें संपूर्ण मतगणना के बाद प्रत्येक विधानसभा के मतदान केंद्रों से लॉटरी से 5-5 वीवीपैट का चयन कर उसकी पर्चियों की गणना कर, ईवीएम से प्राप्त मतों से मिलान किया जाएगा.
बता दें कि राज्य में 200 में से 199 सीटों पर 25 नवंबर को मतदान हुआ था जहां 75.45 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले. साल 2018 के गत विधानसभा चुनाव में 74.71 प्रतिशत मतदान हुआ था, इस बार मतदान 0.73 प्रतिशत बढ़ा. राज्य की करणपुर सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार के निधन के कारण चुनाव स्थगित किया गया है.
खास बात ये है कि राजस्थान में कई सालों से हर बार सरकार बदलने का रिवाज चलता आ रहा है. यहां एक बार भाजपा और एक बार कांग्रेस का राज चलने का क्रम बना हुआ है. इस बार भी लड़ाई राज और रिवाज की है. भाजपा जहां राज्य में रिवाज कायम रहने की उम्मीद लगाए है और सरकार बनाने के दावे कर रही है, तो वहीं सत्तारूढ़ कांग्रेस उम्मीद कर रही है कि इस बार ये रिवाज बदलेगा और दोबारा कांग्रेस की सरकार बनेगी. ऐसे में परिणाम क्या होगा, किसके सिर सजेगा मुख्यमंत्री का ताज, ये देखना काफी दिलचस्प होगा.