एसबीपी कॉलेज में विरल देसाई ने विद्यार्थियों को पढ़ाए पर्यावरण संरक्षण के पाठ

सूरत (गुजरात): ग्रीनमेन के तौर पर पहचाने जाने वाले उद्योगपति विरल देसाई के वक्तव्य का शहर की एसपीबी कॉलेज में आयोजन किया गया. विरल देसाई ने अपने पुस्तक आर्किटेक्ट ऑफ अमृतपथ पर वक्तव्य देते हुए एनएसएस के 100 से अधिक विद्यार्थियों को पर्यावरण संरक्षण के पाठ पढ़ाए. कॉलेज के आचार्य डॉ. वी. डी.नायक की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में विरल देसाई ने भारत सरकार की ओर से बीते दस सालों में किए गए पर्यावरण संबंधित कार्यों की छात्रों को जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि विश्व की मीडिया में यही बताया जाता है कि भारत यानी प्रदूषण का देश या तो कार्बन उत्सर्जन के लिए मानो भारत ही जिम्मेदार है इस तरह दर्शाया जाता है. लेकिन भारत इकलौता ऐसा देश है, जो अब तक पेरिस समझौते से जुड़ा हुआ है. इस विषय को विद्यार्थियों के समक्ष विस्तार से प्रस्तुत करते हुए उन्होंने कहा कि भारत सरकार की ओर से बीते दस सालों में अनेक ऐसे पर्यावरण संबंधित कार्य किए गए हैं, जो कार्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन कर सकते हैं.

इन कार्यों में हम मिशन लाइफ, नमामि गंगे या बिग केट्स अलायंस जैसे अति महत्वपूर्ण कार्यों को शामिल कर सकते हैं. विरल देसाई ने अपने वक्तव्य के दौरान विद्यार्थियों के समक्ष पर्यावरण संरक्षण संबंधित कुछ फैक्ट्स भी रखे.  वहीं, एसपीबी कॉलेज के अपने विद्यार्थी जीवन के स्मरणों को याद करते हुए उन्होंने कॉलेज परिसर में पौधारोपण भी किया. इस अवसर पर एनएसएस के को ऑर्डिनेटर डॉ. सुनील राजाणी और डॉ. फरीदा बेन मांडवीवाला उपस्थित रहे.