पीतांबर वस्त्र, स्वर्ण आभूषण, हाथों में कोदंड और तीर, रामलला ने पहने ये दिव्य आभूषण, देखिए पहली झलक

अयोध्याः 500 वर्षो के लंबे इंतजार के बाद भगवान श्रीराम अयोध्या में विराज गए है. प्राण प्रतिष्ठा कर रामलला को आसन ग्रहण कराया गया. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्राण प्रतिष्ठा के लिए गर्भ गृह में पूजा अर्चना की.  ठाठ से मंदिर में अवध बिहारी विराज गए है. मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम ठाठ से अयोध्या के भव्य मंदिर में विराजे. 

रामलला को कई दिव्य आभूषणों से सुशोभित किया गया. श्री रामलला पांच वर्ष के बालक के रूप में विद्यमान है. इसलिए इसलिए उनके सामने पारंपरिक तरीके से खेलने के लिए चांदी से खिलौने रखे गए है. खिलोनों में खड़खड़ाहट, हाथी, घोड़ा, ऊट, गाड़ी और लट्टू शामिल है. भगवान की आभा के ऊपर सोने का छत्र हैं. भगवान के चरणों के नीचे सुशोभित कमल के नीचे स्वर्ण माला सुशोभित है. 

भगवान श्रीरामलला की बालियां मुकुट या किरात के समान डिजाइन के अनुसार बनाई गई हैं. जिनमें मोर की आकृतियां और उन्हें सोने, हीरे, माणिक आदि से भी सजाया गया है. गले में अर्धचंद्राकार रत्नों से जड़ित हार सुशोभित है. जिसमें मंगल के रूप में फूल चढ़ाए गए हैं और बीच में सूर्य देव को दर्शाया गया है. सोने से बना यह हार हीरे, माणिक और पन्ना से जड़ा हुआ है. गले के नीचे पन्ने की लड़ियां लगाई गई हैं. 

भगवान के बाएं हाथ में स्वर्ण का धनुष है, जिनमें मोती, माणिक्य और पन्ने की लटकने लगी हैं, इसी तरह दाहिने हाथ में स्वर्ण का बाण धारण कराया गया है. भगवान के मस्तक पर उनके पारम्परिक मंगल-तिलक को हीरे और माणिक्य से रचा गया है. 

भगवान राम अयोध्या के मंदिर में विराज गए.  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्राण प्रतिष्ठा के लिए गर्भ गृह में पूजा अर्चना की. गर्भ गृह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल मौजूद है. दोपहर 12.05 से 12.55 बजे तक प्राण प्रतिष्ठा समारोह सम्पन्न हुआ. 84 सेकेंड के शुभ मुहूर्त में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई.