जयपुर: सुप्रीम कोर्ट की ओर से कथित पेगासस जासूसी प्रकरण की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति बनाने संबंधी फैसले का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्वागत किया है. इसके साथ ही उन्होंने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ भी बताया.
सीएम गहलोत ने बुधवार को ट्वीट करते हुए कहा कि पेगासस जासूसी मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जांच का फैसला स्वागतयोग्य है. ये सिर्फ निजता के हनन का ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ का मामला है. सुप्रीम कोर्ट की जांच से सच सामने आएगा एवं मोदी सरकार की अलोकतांत्रिक गतिविधियां देश के सामने उजागर होंगी.
सुप्रीम कोर्ट में केन्द्र सरकार इस सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल को लेकर स्पष्ट जवाब तक नहीं दे सकी जिसके कारण सुप्रीम कोर्ट को रिटायर्ड जस्टिस की अध्यक्षता में साइबर एक्सपर्ट्स की कमिटी बनानी पड़ी।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) October 27, 2021
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में केन्द्र सरकार इस सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल को लेकर स्पष्ट जवाब तक नहीं दे सकी जिसके कारण सुप्रीम कोर्ट को रिटायर्ड जस्टिस की अध्यक्षता में साइबर एक्सपर्ट्स की कमिटी बनानी पड़ी.
सुरजेवाला ने कहा- कायर फासीवादियों की आखिरी शरण छद्म राष्ट्रवाद
वहीं इससे पहले कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, कायर फासीवादियों की आखिरी शरण छद्म राष्ट्रवाद है. पेगासस के दुरुपयोग की जांच के लिए विशेषज्ञ समिति गठित करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर ध्यान भटकाने के शर्मनाक प्रयास किए. सत्यमेव जयते.
Pseudo-Nationalism is the last refuge of cowardly fascists everywhere.
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) October 27, 2021
Welcome SC order setting up Spl Committee to examine misuse of spyware #Pegasus despite Modi Govts embarrassing attempts to evade, avoid & divert attention in the name of National Security.
Satyamev Jayate!
समिति की अगुवाई शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश आर वी रवींद्रन करेंगे:
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इज़राइली स्पाईवेयर ‘पेगासस’ के जरिए भारतीय नागरिकों की कथित जासूसी के मामले की जांच के लिए बुधवार को विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया. प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने कहा कि इस तीन सदस्यीय समिति की अगुवाई शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश आर वी रवींद्रन करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने विशेषज्ञों के पैनल से जल्द रिपोर्ट तैयार करने को कहा और मामले की आगे की सुनवाई आठ सप्ताह बाद के लिए सूचीबद्ध की.