जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंशा है कि प्रदेश की जनता को निशुल्क दवा योजना का अधिक से अधिक फायदा मिले. इसी सोच को पूरा करने के लिए चिकित्सा विभाग नई कवायद शुरू करने जा रहा है. इसमें डॉक्टरों को घर पर प्रैक्टिस के दौरान निशुल्क दवा लिखने की छूट दी जाएंगी. इसके लिए बकायदा चिकित्सकों को घर के लिए सरकारी पर्ची मिलेगी, जिस पर वे मरीजों को दवा लिख सकेंगे. मरीजों को यह दवा निकट के डीडीसी काउंटर पर उपलब्ध होगी. चिकित्सा विभाग के निदेशक जनस्वास्थ्य केके शर्मा ने बताया कि प्रदेश की सरकार चाहती है कि जरूरतमंद मरीजों के लिए सरकारी अस्पताल में उपलब्ध निशुल्क दवा योजना का लाभ अधिक से अधिक मिल सके. इसके लिए पायलेट प्रोजेक्ट के तहत योजना बताई गई है, जिसमें घर पर प्रैक्टिस करने वाले सरकारी चिकित्सक अपने क्लीनिक पर निशुल्क दवा योजना के तहत आने वाली दवाएं भी मरीजों के लिए लिख सकेंगे.
पायलट प्रोजेक्ट के तहत 5 जिले से इसकी शुरुआत की जाएगी:
डॉ शर्मा ने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत 5 जिले से इसकी शुरुआत की जाएगी जिसमें बारा, धौलपुर, करौली, सिरोही और जैसलमेर जिलों को शामिल किया गया है जिसके तहत इन जिलों के अंदर आने वाले जिला अस्पतालों सब डिविजनल अस्पताल और सैटेलाइट चिकित्सालय को इसके तहत चुना गया है. जहां से इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की जाएगी. हालांकि इसके लिए चिकित्सकों को सरकारी पर्चियां भी उपलब्ध कराई जाएंगी ताकि निशुल्क दवा योजना के तहत आने वाली दवाओं को लिखा जा सके और मरीज इस पर्ची के माध्यम से किसी भी सरकारी अस्पताल में यह दवाइयां प्राप्त कर सकता है.