जयपुर: जुलाई-अगस्त का माह बेहद खास है. कांग्रेस के नेताओं की सांसे ऊपर-नीचे हो रही है. कारण साफ है ये है सियासी मानसून का महिना, इसी में या अगले माह में मंत्री परिषद फेरबदल विस्तार, जिला अध्यक्ष और सियासी नियुक्तियों पर मुहर लगने की संभावनाएं है. लेकिन इन सबके बीच है वो उठापटक जिसे लेकर सियासी हलकों में इंतजार है कि कौन मंत्री बनेंगे.
गहलोत सरकार को ढ़ाई साल बीत चुका है और इतना ही समय बीत गया है उन निर्दलीय और सरकार को समर्थन देने वाले विधायकों को भी. विपरित हालातों में इन्होंने अशोक गहलोत का समर्थन किया, खासतौर पर राज्यसभा चुनावों के वक्त. बिना शर्त समर्थन देने में शुमार रहे 13 निर्दलीय और 6 वे विधायक है जो बहुजन समाज पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुये वो भी सी एम गहलोत के प्रति सम्मान प्रदर्शित करते हुये. फेरबदल विस्तार की बात इसलिये भी लाजिमी है क्योंकि गहलोत सरकार को अस्थिर करने वाली ताकतों ने भी बीते दिनों अपनी भूमिका निभाई थी, यहीं कारण सत्ता को बैलेंस करने के लिये मंत्री परिषद में उन चेहरों को लाना होगा जिनके साथ मिलकर पांच साल तक सशक्त सरकार देने का गणित हो. बैलेंस पॉलिटिक्स के तहत सचिन पायलट कैंप से भी मंत्री लिए जाएंगे.
---गहलोत मंत्री परिषद के संभावित नये चेहरे---
- दीपेंद्र सिंह शेखावत
- सचिन पायलट कोटे से मंत्री के लिए नाम
- सीनियर राजपूत चेहरे
- राज्य की विधानसभा के अध्यक्ष रह चुके
---डॉ महेश जोशी---
- महेश जोशी के कैबिनेट मंत्री बनने की चर्चाएं
- हालांकि उनका नाम पीसीसी चीफ के लिये भी चल रहा
- सी एम गहलोत के विश्वस्तों में शुमार
- अभी सरकारी मुख्य सचेतक के पद पर है महेश जोशी
---महेन्द्रजीत सिंह मालवीय---
- वागड़ के कद्दावर
- बागीदौरा से कांग्रेस विधायक
- कांग्रेस के पास इनसे मुकाबले का नेता आदिवासी अंचल में नहीं है
- आदिवासी नेता मालवीय को मनाना भी आवश्यक
- पिछली गहलोत सरकार में मालवीय थे कैबिनेट मंत्री
---राजेन्द्र सिंह गुढ़ा---
- बसपा से आये चेहरों में सबसे सशक्त नाम है राजेन्द्र गुढ़ा
- इनके जरिये कांग्रेस राजपूत कार्ड चलेगी
- उदयपुरवाटी से कांग्रेस विधायक है गुढ़ा
- कट्टर गहलोत समर्थक की छवि
---नरेन्द्र बुढ़ानिया---
- बीकानेर संभाग के बड़े जाट लीडर
- तारा नगर से कांग्रेस विधायक है बुढानिया
- बुढानिया को पहले ही मंत्री बनाने जाने की चर्चा थी
- ऐसा पहली बार जब कोई जाट इस संभाग से मंत्री नहीं
- चूरु जिले से मा.भंवर लाल मेघवाल बने थे मंत्री
- अब मास्टर भंवर लाल मेघवाल नही है इस दुनिया में
- बुढ़ानिया तीन बार लोकसभा और तीन बार राज्यसभा सांसद रह चुके
---रामलाल जाट---
- मेवाड़-मेरवाड़ा से रामलाल जाट आ सकते हैं
- जाट चेहरे के तौर पर चिर-परिचित विकल्प
- पहले भी रह चुके गहलोत सरकार में मंत्री
---हेमाराम चौधरी/बृजेंद्र ओला---
- सचिन पायलट कैंप में दोनो नाम शुमार
- मालानी के कद्दावर किसान नेता
- विधायक पद से दे रखा है इस्तीफा
- लेकिन तभी बनेंगे जब हरीश चौधरी हटेंगे
- ओला पिछली गहलोत सरकार में मंत्री रहे थे
- जो नाम पायलट देंगे उसे मिलेगी मिनिस्ट्री
---विश्वेंद्र सिंह---
- सचिन पायलट कैंप के साथ मानेसर बाड़ेबंदी में शुमार थी
- लेकिन इन दिनों कैंप से नजदीकी
- भरतपुर डिविजन के मजबूत जाट चेहरे
---राजकुमार शर्मा---
- सीएम गहलोत के वफादार
- पिछली गहलोत सरकार में भी मंत्री थे
- शेखावाटी के युवा ब्राह्मण चेहरे के तौर पर चर्चित
---गुरमीत सिंह कुन्नर---
- गुरमीत सिंह कुन्नर बनाये जा सकते हैं मंत्री
- पिछली गहलोत सरकार में भी रहे थे मंत्री
- जट-सिक्ख वर्ग को भी करना बैलेंस
---संयम लोढ़ा,निर्दलीय विधायक---
- सिरोही से निर्दलीय विधायक
- संयम लोढ़ा को मंत्री बनाया जा सकता है
- इसके पीछे बड़ा कारण है गोड़वाड़
- सिरोही-पाली में कांग्रेस का कोई विधायक नहीं
- अगर कोई निर्दलीय बना तो इनका नम्बर संभव
---मुरारी लाल मीणा/रमेश मीणा---
- दोनों पायलट कैंप में शुमार
- रमेश मीणा गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे थे
- बाड़ेबंदी के दौरान हटाए गए
- मुरारी लाल मीणा पिछली गहलोत सरकार में राज्य मंत्री थे
- सचिन पायलट जो नाम देंगे वो तय होगा
---शकुंतला रावत---
- बानसूर से कांग्रेस विधायक
- महिला गुर्जर नेता के तौर पर चर्चित
- शकुंतला रावत लगातार जीत रही चुनाव
- अलवर जिले से प्रभावी नाम
---मंजू मेघवाल---
- नागौर के जायल से कांग्रेस विधायक
- पहले भी रह चुकी गहलोत सरकार में मंत्री
---खिलाड़ी लाल बैरवा---
- बसेड़ी से विधायक
- दलित चेहरे के तौर पर गिनती
- सीएम गहलोत के विश्वस्त कहे जाते है
---जाहिदा---
- दिवंगत कद्दावर मेव नेता चौधरी तैयब हुसैन की बेटी
- दूसरी बार कामां से विधायक
- मुस्लिम चेहरे के तौर पर मजबूत विकल्प
पहली बार जीते चेहरों को संसदीय सचिव बनाया जा सकता है इनमें वो चेहरे शुमार है जो पहली बार चुनाव जीते, निर्दलीय और बसपा से कांग्रेस में आये चेहरों को अवसर दिया जा सकता है. मंत्री परिषद फेरबदल की चर्चाओं में ही दो और उप मुख्यमंत्री बनाये जाने की चर्चाएं भी सामने आती है. इनमें प्रमुख नाम के तौर पर डॉ सीपी जोशी के नाम की चर्चाएं है हालांकि वो तभी डिप्टी सी एम बनाये जा सकते है जब उन्हें मजबूत पोर्ट फोलियो मिले, विधानसभा अध्यक्ष के नाते उन्हें वर्तमान में बड़ी जिम्मेदारी मिल हुई है. बहरहाल मुख्यमंत्री गहलोत के जादुई पिटारे से क्या निकलेगा ये कोई नहीं बता सकता है, लेकिन इस बार किसी फेरबदल में जांच परख और वफादारी का गणित प्राथमिकता में होगा, उधर सचिन पायलट कैंप से करीब चार चेहरों को स्थान मिल सकता है.
...फर्स्ट इंडिया के लिये योगेश शर्मा कि रिपोर्ट