नई दिल्ली: जाइडस कैडिला के स्वदेश में विकसित कोविड-19 रोधी टीके को भारत के औषधि महानियंत्रक ने शुक्रवार को आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है. इस टीके को 12 साल व इससे अधिक उम्र के लोगों को दिया जा सकता है. जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जाइडस कैडिला के कोविड टीके ‘‘जाइकोव-डी’’ को भारत के औषधि महानियंत्रक से मिली आपात इस्तेमाल की मंजूरी को एक ‘‘बेहद महत्वपूर्ण क्षण’’ बताया और कहा कि विश्व के पहले डीएनए-आधारित कोविड-19 रोधी टीके को मंजूरी मिलना भारत के वैज्ञानिकों के नवोन्मेषी उत्साह का प्रमाण है.
प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा कि भारत पूरी ताकत के साथ कोविड-19 से मुकाबला कर रहा है. विश्व के पहले डीएनए आधारित जाइडस केडिला के जाइकोव-डी टीके को मिली मंजूरी भारत के वैज्ञानिकों के नवोन्मेषी उत्साह का प्रमाण है.
India is fighting COVID-19 with full vigour. The approval for world’s first DNA based ‘ZyCov-D’ vaccine of @ZydusUniverse is a testimony to the innovative zeal of India’s scientists. A momentous feat indeed. https://t.co/kD3t7c3Waz
— Narendra Modi (@narendramodi) August 20, 2021
इससे पहले देश में पांच टीकों को मंजूरी मिली:
इससे पहले देश में पांच टीकों को मंजूरी मिली है. इनमें सीरम इस्टीट्यूट का कोविशील्ड, भारत बायोटेक का कोवैक्सीन, रूस का स्पूतनिक वी, तथा अमेरिका का मॉडर्ना एवं जॉनसन एंड जॉनसन का टीका शामिल है. इन टीकों में से कोविशील्ड, कोवैक्सीन एवं स्पूतनिक वी का देश में इस्तेमाल हो रहा है. इस मंजूरी के साथ जाइकोव-डी छठा टीका हो जायेगा.
जाइकोव-डी 12 से 18 वर्ष के आयुवर्ग में तीन खुराक में दिया जा सकेगा:
कोविशील्ड, कोवैक्सीन एवं स्पूतनिक-वी केवल उन लोगों को दिया जा रहा है जिनकी उम्र 18 साल से अधिक है और इन टीकों को दो खुराक में दिया जा रहा है. इसके विपरीत जाइकोव-डी 12 से 18 वर्ष के आयुवर्ग में तीन खुराक में दिया जा सकेगा. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने ट्वीट किया,‘‘ देश के लिए दोहरी खुशखबरी. पहले डीएनए आधारित, सूई रहित कोविड-19टीके ‘जाइकोव-डी’ को मंजूरी. इससे भारत में बच्चे कोविड से सुरक्षित रहेंगे. इस टीके का इस्तेमाल 12 वर्ष तथा अधिक की आयु के लिए किया जा सकता है.’’
जाइकोव-डी भारत में मंजूरी प्राप्त कोविड-19 के छह टीकों में शामिल हो गया:
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि जाइकोव-डी भारत में मंजूरी प्राप्त कोविड-19 के छह टीकों में शामिल हो गया है और यह स्वदेश निर्मित दूसरा टीका है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया की नयी उपलब्धि.
जाइकोव-डी डीएनए आधारित कोरोना वायरस रोधी दुनिया का पहला टीका:
जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) ने बताया कि जाइकोव-डी डीएनए आधारित कोरोना वायरस रोधी दुनिया का पहला टीका है. इसके अनुसार टीके की तीन खुराक दिए जाने पर यह सार्स-सीओवी -2 वायरस के स्पाइक प्रोटीन का उत्पादन करता है जो बीमारी तथा वायरस से सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है. इससे पहले भारत के केंद्रीय औषधि प्राधिकरण के एक विशेषज्ञ पैनल ने जाइडस कैडिला की तीन खुराकों वाले कोविड-19 टीका ‘जाइकोव-डी’ के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दिये जाने की सिफारिश की थी.
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोविड-19 पर विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने गुरुवार को जाइडस कैडिला की ओर से प्रस्तुत किये गये आवेदन पर विचार-विमर्श किया और इसके तीन खुराक वाले कोरोना वायरस टीके की आपातकालीन इस्तेमाल के लिए मंजूरी देने की सिफारिश की. सोर्स- भाषा