नई दिल्ली। अमेरिका को अफगानिस्तान में हमला करना अरसे पूर्व बंद कर दिया। अमेरिकी अधिकारियों और सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, अब अफगान तालिबान के साथ अमेरिका के साथ शांति समझौते में पाकिस्तान अहम भूमिका निभा रहा है। खबर है कि शांति वार्ता में पाकिस्तान की भूमिका काबिलेतारीफ है। इस्लामाबाद, तालिबान के ऊपर दिखने वाले अपने प्रभाव को नजरअंदाज करने की कोशिश कर रहा है, जिसे लेकर वॉशिंगटन लंबे समय से आरोप लगता रहा है।
वहीं तालिबान भी इस्लामाबाद का अहसान लेना नहीं चाहता है। 17 साल पुरानी लड़ाई के दौरान पाकिस्तान में विद्रोहियों के छिपने की सुरक्षित जगह और उन्हें मदद के अमेरिकी आरोपों को पाकिस्तान नकारता रहा है।
सबसे पहले, इस्लामाबाद ने धार्मिक नेताओं के जरिए आतंकवादियों को एक संदेश भेजा कि उन्हें अमेरिका से बात करनी होगी। सूचना के मुताबिक नाम न बताने की शर्त पर तालिबानी नेता ने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवादियों पर 'बहुत ज्यादा दबाव' बनाया और कई महीनों तक उनके करीबी रिश्तेदारों को हिरासत में रखा।