संसद के शीतकालीन सत्र का 14वां दिन, राज्यसभा में पेश होंगे आज 3 नए क्रिमिनल लॉ बिल

नई दिल्लीः संसद के शीतकालीन सत्र का आज 14 वां दिन है. ऐसे में आज राज्यसभा में 3 नए क्रिमिनल लॉ बिल पेश होंगे. भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता 2023 पेश होगा. इससे पहले बुधवार को तीनों आपराधिक संशोधन बिल लोकसभा में पास किया गया. 

इसके साथ ही संसद की सुरक्षा में सेंध के मुद्दे पर विपक्ष का हंगामा आज भी जारी रह सकता है. हंगामे को लेकर बुधवार लोकसभा से दो और सांसदों को निलंबित किया गया था. अब तक 143 सांसदों को निलंबित किया गया है. इनमें 109 लोकसभा और 34 राज्यसभा के हैं. 

अमित शाह ने कहा कि नाबालिग से रेप पर फांसी की सजा और हिट एंड रन केस में 10 साल की सजा होगी. चेन स्नेचिंग में नए कानून लाए है. आपराधिक कानून में आतंकवाद शामिल है. आतंकवाद अब दंडनीय अपराध है. मॉब लिंचिंग अपराध पर फांसी की सजा होगी. ये एक घृणित अपराध है. कानून में मॉब लिंचिंग अपराध के लिए फांसी की सजा का प्रावधान कर रहे है. लेकिन मैं विपक्ष से पूछना चाहता हूं, आपने भी वर्षों देश में शासन किया है. लेकिन आपने मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून क्यों नहीं बनाया ? आखिर क्या बात रही. सत्ता में रहे तो कानून बनाना भूल गए. आपने मॉब लिंचिंग शब्द का इस्तेमाल सिर्फ हमें गाली देने के लिए किया है. CRPC की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 इस सदन के अनुमोदन के बाद अमल में आएगी. इसके अलावा भारतीय साक्ष्य अधिनियम (एविडेंस एक्ट 1872) की जगह भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 अमल में आएगा.

उन्होंने कहा कि 200 साल पुराने 3 कानूनों में परिवर्तन लाए है. कुछ सुझाव बदलाव के लिए हैं. मोदी जी गुलामी की मानसिकता को खत्म करने में लगे हैं. तीनों कानून अंग्रेजों के जमाने के थे. न्याय संहिता 2023 अमल में आएगी. पुराने कानून दमन के लिए बनाए गए थे. विदेशी शासकों ने कानून बनाए थे. पुराने कानूनों में दंड को ही न्याय माना गया है. हमने व्यक्ति से पहले देश को रखा है. कांग्रेस को नए कानून समझ में नहीं आएंगे. मॉब लिंचिंग के लिए फांसी की सजा.