अजमेर: ख्वाजा गरीब नवाज के 808वें उर्स की अनौपचारिक शुरुआत का आगाज हो चुका है जिसमें गरीब नवाज की दरगाह में संदल की रस्म को अदा किया गया. इस रस्म को आस्ताना मामूल होने के बाद निभाया जाता है. उस समय दरगाह के खादिम द्वारा इस रस्म को निभाया जाता है. वहीं अल सुबह जन्नती दवाजे को भी खोल दिया गया और जायरीनों की दरवाजे से निकलने की होड़ लगी हुई है.
अगर रजब का चांद दिखाई देता है तो जन्नती दरवाजा खुला रहेगा:
संदल की रस्म सिर्फ गरीब नवाज के उर्स में ही निभाया जाता है जो की गरीब नवाज की मजार के ऊपरी हिस्से पर लेप की तरह लगाया जाता है जो खादिमो द्वारा रोज पेश किया जाता है. उर्स के एक दिन पहले गरीब नवाज के उर्स के समय ही इसे गरीब नवाज के खादिमों द्वारा उतारा जाता है. इस संदल को उतारने के बाद इस जायरीनों को बांटा जाता है जिसे पाने के लिए बाहर से आने वाले जायरीनों में होड़ सी मच जाती है. संदल की रस्म अदा होने के अल सुबह जन्नती दवाज़े को भी खोलने की रस्म अदा की गई रजब आज अगर रजब का चांद दिखाई देता है तो जन्नती दरवाजा खुला रहेगा अन्यथा यह दरवाजा रात को दरबार बन्द होने के साथ बंद हो जाएगा और अगले दिन सुबह वापिस खोला जायेगा जो 6 रोज तक खुला रहेगा.
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दरवाजे को साल में केवल चार बार ही खोला जाता है:
आज अलसुबह जन्नती दरवाजे को भी जायरीनों के लिए खोल दिया जायगा. जन्नती दरवाजे को साल में केवल चार बार ही खोला जाता है बकरा ईद, मीठी ईद व इनके पीरो मुर्शिद के उर्स पर गरीब नवाज के उर्स में जन्नती दरवाजा पूरे उर्स में खुला रहता है. जब 4 बजे इस दरवाजे को खोला जाता है उस समय जायरीनों में पहले निकलने को लेकर एक होड सी मच जाती है ऐसा माना जाता है जो इस जन्नती दरवाजे में गुजरता है उसे जन्नत नसीब होती हैं.