जयपुर: नगर निगम घूसकांड प्रकरण में एसीबी ने अब एफआईआर दर्ज कर ली है.एसीबी ने कुल 9 लोगों को नामजद किया है. जिसमें फाइनेंशियल एडवाइजर अचलेश्वर मीणा, ठेकेदार धन कुमार जैन, ठेकेदार अनिल अग्रवाल, सहायक लेखा अधिकारी यतेंद्र सांखला, एए श्रीकांत पारीक , ठेकेदार गोविंद राम, ठेकेदार गंगा राम मीणा ,साथ ही ठेकेदार अभिषेक जैन उर्फ़ टीटू को नामजद किया है.इसके अलावा नगर निगम ग्रेटर जयपुर में पदस्थापित अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों सहित प्राइवेट व्यक्ति ठेकेदार और दलाल की भी एसीबी भूमिका की जांच करेगी.
मंगलवार को एसीबी की टीम ने नगर निगम पहुंचकर करीब 8 घंटे तक फाइनेंस शाखा में फाइलें खंगाली और बड़ी मात्रा में फाइलें जब्त की. एसीबी एडिशनल एसपी बजरंग सिंह शेखावत के नेतृत्व में सीआई रघुवीर शरण पहुंचे थे और कई फाइलों को जब्त किया है. एफआईआर में खुलासा हुआ है कि पिछले 4 महीने से एसीबी की टीम इन सभी पर नजर रख रही थी.फाइनेंशियल एडवाइजर अचलेश्वर मीणा अक्सर दलालों के घर पर जाता रहता था.ज्यादातर अनिल अग्रवाल और धन कुमार जैन के घर जाता था और एसीबी ने इनके फोन को सर्विलांस पर ले रखा था और एसीबी ने हजारों की संख्या में फोन कॉल सुनी थी.ठेकेदार अनिल अग्रवाल और अचलेश्वर मीणा ने 17 अक्टूबर को बात की थी फोन पर वह रिश्वत को प्रसाद के रूप में कहते थे.
ठेकेदार अनिल अग्रवाल से अचलेश्वर मीणा की बातचीत:
अचलेश्वर मीणा-कल वो श्रीकांत (श्रीकांत ग्रेटर नगर निगम में एए है ) मिले थे क्या ?
अनिल अग्रवाल -सर दे दी हमे आगे की
अचलेश्वर मीणा- चाय का टाइम कब मिलेगा आपको
अनिल- आ जाओ मैं तो घर ही हूं सर
अचलेश्वर मीणा- ठीक है
अनिल -आधे घंटे पहले रिंग करके आ जाना
अनिल -प्रसाद( रिश्वत राशि) भी रखा है आपका वह भी लेकर जाना
अचलेश्वर मीणा- ठीक है ठीक है ओके
इसके बाद 18 अक्टूबर को अचलेश्वर मीणा ठेकेदार अनिल अग्रवाल के सी स्कीम स्थित घर पर पहुंचा और करीब सवा घंटे तक अनिल अग्रवाल और अचलेश्वर द्वारा वार्तालाप की गई.
ठेकेदार अनिल अग्रवाल और एए श्रीकांत की 21 अक्टूबर को बातचीत:
अनिल अग्रवाल -नमस्कार श्रीकांत जी क्या हाल-चाल
श्रीकांत -बस ठीक है
अनिल अग्रवाल- कहां तक सलटा दिया ,20 तक का सलटा दिया क्या
श्रीकांत -हां
अनिल अग्रवाल- चलो यार मेरे घर आओ
श्रीकांत - हां या तो आज आऊंगा नहीं तो कल
अनिल अग्रवाल- ठीक है मेरे राज में परेशान नहीं होने दूंगा
23 अक्टूबर को ठेकेदार अनिल अग्रवाल से हुई वार्ता:
अनिल- आजकल अपन टेंशन नहीं लेते होगा वह जो चाहेगा
गोविंद- एक बात ग्रेटर में जो बिल किसी से पास कराता है. सीओ के बिल किस से करवाता
अनिल- तेरा क्या काम है
गोविंद -एक एसडी पड़ी है. बहुत टाइम हो गया पहले वो कर नहीं रहा था.. अब कर रहा है तो पहले बोला 2 टका..
गोविंद -अब कल बोला 3 टका... बड़ी लूट मचा रखी है अब एसडी पर तीन टका बता... कल फोन आया 3 टका...
अनिल- मैं करवा लूंगा तू मस्त रह
गोविंद -किससे करवाएगा
अनिल -भैया तुझे बता दूंगा,वहां कोई भी कागज बिना सिस्टम के नहीं निकलता
गोविंद- 3 टका लेंगे क्या
अनिल-नहीं दो-दो गलत,किसने कहा उसके नंबर दे, सुन मेरी बात
अनिल- तू फोन पर ऐसी बात मत किया कर मरवाएगा क्या व्हाट्सएप कर लिया कर मेरे को मरवाएगा क्या
गोविंद- व्हाट्सएप कर रहा हूं व्हाट्सएप
तो वहीं ठेकेदार धन कुमार जैन ने एसीबी के सामने कई राज उगले हैं.धन कुमार ने एसीबी को बताया मैं नगर निगम का ठेकेदार हूं और अधिकारियों के मांगने पर मैं इनको राशि नहीं भेजता तो ये मेरा काम बंद करवा देते.मेरे बिल को पास कराने में दिक्कत करते.नगर निगम ग्रेटर में पदस्थापित अधिकारियों से मेरी जान पहचान है.इसलिए नगर निगम ग्रेटर जयपुर में अधिकारीगण मुझसे कई फर्मों के ठेकेदारों जिनका कार्य नगर निगम ग्रेटर जयपुर से संबंधित है.उनके पेंडिंग बिल को अग्रेशन तथा भुगतान करने की एवज में बिल राशि वैसे बतौर कमीशन रिश्वत राशि एकत्रित करवा कर उक्त राशि मुझसे प्राप्त करते हैं.वर्तमान में अचलेश्वर मीणा हमसे किसी भी फर्म के बिल भुगतान करवाने की एवज में आधा प्रतिशत लेते हैं. आयुक्त नगर निगम ग्रेटर यज्ञमित्र सिंह देव बिल राशि का 2 फ़ीसदी, अकाउंटेंट और डबल एओ को बिल राशि का 1 \4 प्रतिशत , क्लर्क को ०.012%कमीशन की मांग करने पर हमारे द्वारा सम्बंधित फर्मो के ठेकेदारों से उनके बिल को अग्रेषित एवं भुगतान करने की एवज में रिश्वत की राशि एकत्रित कर संबंधित अधिकारी को दी जाती है.
तो वहीं अचलेश्वर मीणा के घर पर एक कंप्यूटराइज लिस्ट मिली जिसमें कई कॉन्ट्रैक्टर के नाम के आगे नंबर पॉइंट में धनराशि लिखी हुई है कुल 4 पेजों की एसीबी के हाथ लिस्ट लगी है.ऊपर ही ऊपर श्री श्याम बिल्डर्स एंड कॉन्ट्रैक्टर के आगे 10.42 लिखा हुआ है ,वहीं अंतिम पेज में गुरु कंश. के आगे 6.11 लिखा हुआ है.पूछताछ में अचलेश्वर मीणा ने बताया कि यह कागज मुझे धन कुमार देकर गया है.
दूसरी और जब एसीबी की टीम अचलेश्वर मीणा के घर की तलाशी ले रही थी तो तो उसी बीच गोविन्द कुमार अग्रवाल अचलेश्वर मीणा के घर पर पंहुचा.जब एसीबी ने आने का प्रयोजन पूछा तो अचलेश्वर मीना से मिलने आना व एक एक सूची 1 से लगायात 18 पेज जिसमें जुलाई माह 2020 से दिनांक 29.12.2021 तक सिविल कान्ट्रेक्टर्स के निर्माण कार्यों की बकाया राशि 5964.96 लाख रुपए जयपुर नगर निगम ग्रेटर के लगभग 150-200 ठेकेदारों के बकाया है, जो अचलेश्वर मीना ने मुझे उपलब्ध करवाई थी के संबंध में अचलेश्वर मीना जी से चर्चा करने आना बताया.उक्त 1 से लगायत 18 पेज को संबंधित के हस्ताक्षर करवाकर वजह एसीबी ने जब्त कर लिया.