VIDEO: प्रदेश में बड़ी संख्या में लोग सड़क हादसों में गवा रहे अपनी जान, हर दूसरे सड़क हादसे में हो जाती है एक व्यक्ति की मौत, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: प्रदेश में बड़ी संख्या में लोग सड़क हादसों में अपनी जान गवा रहे हैं. NCRB की रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान में होने वाले हर दूसरे सड़क हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो जाती है.

एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार सड़क हादसों में हुई मौतों के मामले में प्रदेश पांचवें स्थान पर है, जबकि हादसों की संख्या की दृष्टि से नौंवें स्थान पर है। 2021 मे यहां 20954 सड़क हादसों में 10043 लोगों ने जान गंवाई है। सड़क हादसों में मौत के मामले में उत्तरप्रदेश पहले स्थान पर है. एनसीआरबी के अनुसार भारत में एक बार फिर सड़क हादसों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 2020 के मुकाबले 2021 में 13.6 प्रतिशत अधिक रोड एक्सीडेंट हुए। 2021 में देश में कुल 4,03,116 रोड एक्सीडेंट में 1,55,622 लोगों की मौत हुई। मध्यप्रदेश मौतों के मामले में राजस्थान से एक पायदान ऊपर है. सड़क हादसों में घायलों की मौत की दर अन्य प्रदेशों की तुलना में कहीं अधिक है। मध्यप्रदेश की बात करें तो 48219 हादसों में 12480 लोगों की जान गई। केरल जैसे राज्य में राजस्थान से कहीं अधिक हादसे होने के बाद मौत की संख्या काफी कम रही.
एनसीआरबी के अनुसार हादसों में सबसे अधिक मौत का कारण ओवर स्पीड रही। मेजर केस के अध्ययन के दौरान पाया गया कि 55.9 प्रतिशत मौत तेज गति के कारण हुई, जबकि रफ ड्राइविंग, ओवर टेकिंग के कारण 27.5 प्रतिशत लोगों की मौत हुई.

2021 के कुछ आँकड़े

मौतों के मामले में पांच बड़े राज्य

राज्य कुल हादसे,, सड़क हादसों में मौत

उत्तर प्रदेश- 33711 सड़क हादसे हुए 21792 लोगों की मौत हुई 

तमिलनाडु- 55682 सड़क हादसे हुए  15384 लोगों की मौत हुई

महाराष्ट्र- 26598 सड़क हादसे हुए 13911 लोगों की मौत हुई

मध्यप्रदेश-48219  सड़क हादसे हुए 12480 लोगों की मौत हुई

राजस्थान-20954 सड़क हादसे हुए 10043 लोगों की मौत हुई

NCRB की रिपोर्ट के अनुसार रिपोर्ट के हर महीने के आंकड़ों के मुताबिक जनवरी में सबसे अधिक 40,235 सड़क हादसे दर्ज किए गए जो कुल सड़क हादसों का 10 प्रतिशत है. अधिकतर सड़क हादसे (कुल 4,03,116 सड़क हादसों में से 81,410 ) शाम छह बजे से रात नौ बजे के बीच हुए. इस अवधि में 20.2 प्रतिशत हादसे हुए.

रिपोर्ट के मुताबिक शाम छह बजे से रात नौ बजे के बीच सबसे अधिक 14,415 सड़क हादसे तमिलनाडु में हुए जबकि इस अवधि में मध्य प्रदेश में 9,798 सड़क हादसे और केरल में 6,765 सड़क हादसे दर्ज किए गए. वहीं, दोपहर तीन बजे से शाम छह बजे, दोपहर 12 बजे से अपराह्न तीन बजे के बीच क्रमश: 71,711 (17.8 प्रतिशत) और 62,587 (15.5 प्रतिशत) सड़क हादसे हुए है,, सड़कों के आधार पर हादसों के किए गए वर्गीकरण के अनुसार राष्ट्रीय राजमार्ग यानी नेशनल हाईवे पर सबसे अधिक 30.3 प्रतिशत हादसे हुए जबकि देश में सड़कों के नेटवर्क में इसकी भागीदारी महज 2.1 प्रतिशत (देश में सड़कों की लंबाई 63.9 लाख किलोमीटर है जिनमें से 1.33 लाख किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग के तौर पर सूचीबद्ध है) है. वहीं, राज्य राजमार्ग पर कुल 23.9 प्रतिशत सड़क हादसे हुए जबकि सड़कों के नेटवर्क में इस श्रेणी के सड़कों की हिस्सेदारी 2.9 प्रतिशत (1.87 लाख किलोमीटर) है.अन्य सड़कों पर शेष 45.8 प्रतिशत हादसे साल 2021 के दौरान हुए. एक्सप्रेस-वे पर साल 2021 के दौरान 1,899 हादसे हुए जिनमें 1,214 लोग घायल हुए और 1,356 लोगों की जान गई. 

पिछले साल सड़क हादसों में होने वाली मौतों के मामले में राष्ट्रीय राजमार्ग सबसे घातक साबित हुए. इस श्रेणी की सड़कों पर 53,615 लोगों की जान गई जो सड़क हादसे में मारे गए लोगों का 34.5 प्रतिशत है. वहीं, राज्य राजमार्ग पर 39,040 लोगों ने जान गंवाईं जो सड़क हादसों में हुई मौतों का 25.1 प्रतिशत है जबकि 62,967 लोगों (कुल मौतों का 40.5 प्रतिशत) की मौत अन्य सड़कों पर हुई.राज्यवार वर्गीकरण के अनुसारा राष्ट्रीय राजमार्ग पर होने वाली मौतों में सबसे अधिक 7,212 लोगों (इस इस श्रेणी की सड़कों पर 53,615 लोगों की जान गई जो सड़क हादसे में मारे गए लोगों का 34.5 प्रतिशत है. वहीं, राज्य राजमार्ग पर 39,040 लोगों ने जान गंवाईं जो सड़क हादसों में हुई मौतों का 25.1 प्रतिशत है जबकि 62,967 लोगों (कुल मौतों का 40.5 प्रतिशत) की मौत अन्य सड़कों पर हुई.राज्यवार वर्गीकरण के अनुसारा राष्ट्रीय राजमार्ग पर होने वाली मौतों में सबसे अधिक 7,212 लोगों (इस श्रेणी की सड़कों पर हुई कुल मौतों का 13.5 प्रतिशत) ने उत्तर प्रदेश में जान गंवाई. इनके अलावा तमिलनाडु में 5,360 (10 प्रतिशत), महाराष्ट्र में 3,996 (7.5 प्रतिशत), राजस्थान में 3,653 (6.8 प्रतिशत), आंध्र प्रदेश में 3,602 (6.7 प्रतिशत) ने साल 2021 के दौरान जान गंवाई.