राजस्थान कांग्रेस में उथल-पुथल के बीच भारत जोड़ो यात्रा की तैयारियों के लिए राज्य का दौरा करेंगे वेणुगोपाल, निभाएंगे अहम भूमिका

राजस्थान कांग्रेस में उथल-पुथल के बीच भारत जोड़ो यात्रा की तैयारियों के लिए राज्य का दौरा करेंगे वेणुगोपाल, निभाएंगे अहम भूमिका

नई दिल्ली: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot)  द्वारा पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) को ‘गद्दार’ कहे जाने के बाद पार्टी की प्रदेश इकाई में मची उथल-पुथल के बीच अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) महासचिव (organization) के. सी. वेणुगोपाल ने 29 नवंबर को राज्य का दौरा करने का फैसला किया है.

सूत्रों ने बताया कि वेणुगोपाल राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा के लिए की गई व्यवस्था की समीक्षा करेंगे. हालांकि, पार्टी के सूत्रों ने बताया कि उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रदेश इकाई में कलह यात्रा के दौरान सामने नहीं आये. उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में की जा रही भारत जोड़ो यात्रा दिसंबर के पहले सप्ताह में राज्य में प्रवेश करने वाली है.

 

नेतृत्व को लेकर गहलोत और पायलट के बीच तकरार चल रही है. पायलट उन्हें हटाने की मांग कर रहे हैं, जबकि मुख्यमंत्री का कहना है कि राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन का कोई संकेत नहीं है. वेणुगोपाल को राजस्थान में विधायकों और पार्टी के नेताओं को शांत रखने में एक अहम भूमिका निभानी होगी. दरअसल, एक खेमा मुख्यमंत्री गहलोत का समर्थन कर रहा है, जबकि दूसरा खेमा पायलट के साथ है.

पार्टी महासचिव एवं राजस्थान के लिए एआईसीसी प्रभारी अजय माकन ने घटनाक्रम के मद्देनजर 25 सितंबर को इस्तीफा दे दिया था, जब पार्टी कांग्रेस विधायक दल की बैठक नहीं कर सकी थी. यात्रा के दौरान माकन के राजस्थान का दौरा करने की संभावना नहीं है क्योंकि उन्होंने यह कह कर सार्वजनिक रूप से अपने इरादे जता दिये हैं कि वह पद पर बने रहने को इच्छुक नहीं है. 

कांग्रेस की राजस्थान इकाई में मतभेद नजर आ रहा:
उन्होंने मंत्री शांती धालीवाल और महेश जोशी सहित तीन विधायकों के अलावा आरटीडीसी प्रमुख धर्मेंद्र राठौर के खिलाफ कार्रवाई करने में पार्टी के नाकाम रहने के बाद यह फैसला किया था. जोशी विधानसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक भी हैं. गहलोत द्वारा पायलट को गुरुवार को गद्दार कहे जाने के बाद कांग्रेस की राजस्थान इकाई में मतभेद नजर आ रहा है. पार्टी ने कहा है कि यह टिप्पणी अप्रत्याशित है और संकट का हल नेतृत्व द्वारा किये जाने पर बल दिया. राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. सोर्स- भाषा