नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के आवास के बाहर हुए पार्टी कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन की निंदा करते हुए कहा कि इस ‘उपद्रव’ में शामिल लोगों के खिलाफ पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.
उन्होंने ट्वीट किया कि कपिल सिब्बल के घर पर हमला और उपद्रव के बारे में सुनकर स्तब्ध और आहत हूं. इस निंदनीय कृत्य से पार्टी की बदनामी होती है. इसकी कड़ी भर्त्सना की जानी चाहिए. राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता शर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि मतभिन्नता लोकतंत्र का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से आग्रह है कि वह कड़ी कार्रवाई करें.
Shocked and disgusted to hear the news of attack and hooliganism at Kapil Sibal's house. This deplorable action brings disrepute to the party and needs to be strongly condemned.
— Anand Sharma (@AnandSharmaINC) September 30, 2021
Those responsible must be identified and disciplined.
— Anand Sharma (@AnandSharmaINC) September 30, 2021
Urging Congress president Smt Sonia Gandhi to take cognisance and strong action .
‘गद्दारों को पार्टी से बाहर निकालो’ के नारे भी लगाए:
उल्लेखनीय है कि सिब्बल की ओर से पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़ा किये जाने के बाद पार्टी के कई कार्यकर्ताओं ने बुधवार को सिब्बल के आवास के बाहर प्रदर्शन किया और उनके खिलाफ नारेबाजी की. सिब्बल के आवास के बाहर पहुंचे कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हाथों में तख्तियां ले रखी थीं जिन पर ‘गेट वेल सून सिब्बल’ (सिब्बल आप जल्द स्वस्थ हों) लिखा हुआ था. उन्होंने ‘गद्दारों को पार्टी से बाहर निकालो’ के नारे भी लगाए.
कांग्रेस की मौजूदा स्थिति को लेकर पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े किए थे:
सिब्बल ने पार्टी की पंजाब इकाई में मचे घमासान और कांग्रेस की मौजूदा स्थिति को लेकर बुधवार को पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े किए और कहा था कि कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक बुलाकर इस स्थिति पर चर्चा होनी चाहिए तथा संगठनात्मक चुनाव कराये जाने चाहिए. उन्होंने कई नेताओं के पार्टी छोड़ने का उल्लेख करते हुए गांधी परिवार पर इशारों-इशारों में कटाक्ष किया कि जो लोग इनके खासमखास थे वो छोड़कर चले गए, लेकिन जिन्हें वे खासमखास नहीं मानते वे आज भी इनके साथ खड़े हैं. सिब्बल ने जोर देकर कहा, ‘‘हम ‘जी हुजूर 23’ नहीं हैं. हम अपनी बात रखते रहेंगे.’’ सोर्स- भाषा