नई दिल्ली। आंध्र यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर ने टेस्ट ट्यूब बेबी को लेकर बड़ा खुलासा किया है जो विवादों में है। वाइस चांसलर जी नागेश्वर राव ने इंडियन साइंस कांग्रेस में दावा किया है कि भारत के पास हजारों साल पहले स्टेम सेल अनुसंधान, टेस्ट ट्यूब निषेचन और यहां तक कि गाइडेड मिसाइलों का ज्ञान था। उन्होंने आगे कहा कि इसके सबूत महाभारत और रामायण में देखने को मिले हैं।
उन्होंने कहा कि हर कोई हैरान होता है और किसी को भी विश्वास नहीं होता कि गांधारी ने कैसे 100 बच्चों को जन्म दे दिया। यह मानवीय रुप से कैसे संभव है? क्या कोई महिला एक जीवन में 100 बच्चों को जन्म दे सकती है? उन्होंने माना कि"कौरवों का जन्म स्टेम सेल और टेस्ट ट्यूब तकनीकों से हुआ था।
#WATCH: GN Rao,Vice-Chancellor Andhra University at Indian Science Congress y'day in Jalandhar:How come Gandhari gave birth to 100 children?Stem cell research was done 1000 yrs ago in this country,we had 100 Kauravas from one mother because of stem cell&test tube-baby technology. pic.twitter.com/C9nlaYwB7p
— ANI (@ANI) January 5, 2019
राव ने कहा कि अब हम मानते हैं हमारे टेस्ट ट्यूब से बच्चे होते हैं। एक बार फिर महाभारत में कहा गया था कि 100 अंडों को निषेचित किया गया और 100 घड़ों में रखा गया। मैं पूछना चाहता हूं कि क्या वे टेस्ट ट्यूब शिशु नहीं थे? इस देश में स्टेम सेल शोध हजारों साल पहले हो गया था।"
इसके अलावा नागेश्वर राव ने कहा, कि "भगवान राम ने 'अस्त्र' और 'शस्त्र' का इस्तेमाल किया, जबकि भगवान विष्णु ने लक्ष्य का पीछा करने के लिए एक सुदर्शन चक्र भेजा, जो मारने के बाद वे वापस आ जाता था। इससे पता चलता है कि निर्देशित मिसाइलों का विज्ञान भारत के लिए नया नहीं है। यह हजारों साल पहले भी मौजूद था।"
यहीं नहीं उन्होंने रामायण और महाभारत का हवाला देते हुए आगे कहा कि रावण के पास केवल पुष्पक विमान ही नहीं, बल्कि 24 तरह के विमान थे। रावण के श्रीलंका में कई हवाई अड्डे बनाए थे और वह सिर्फ युद्ध के लिए नहीं बल्कि कई उद्देश्यों के लिए इन विमानों का इस्तेमाल किया करता था।