नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने राज्यसभा में कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा के अशोभनीय आचरण की तुलना 26 जनवरी को लाल किले में हुई हुड़दंग की घटना से करते हुए बुधवार को कहा कि सदन में आसन की ओर फाइल फेंका जाना एक ‘‘शर्मनाक’’ घटना थी. उन्होंने लोकसभा एवं राज्यसभा में कामकाज को बाधित करने के लिए कांग्रेस एवं विपक्षी दलों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि लोगों ने अपनी आवाज उठाने के लिए जिन लोगों को संसद भेजा था, वे नियम विरूद्ध व्यवहार कर रहे हैं.
“ 26 जनवरी को लालक़िले पर हुए घटनाक्रम पर जिस तरह देश शर्मसार हुआ ठीक वैसा ही कल राजसभा में विपक्षी सांसदों के व्यवहार से सदन की गरिमा तार-तार हुई है । यदि किसी को इस पर गर्व हो रहा है तो यह गर्व का नहीं शर्म का विषय है “
— Office of Mr. Anurag Thakur (@Anurag_Office) August 11, 2021
श्री @ianuragthakur pic.twitter.com/3xaCdSFV0o
राज्यसभा में मंगलवार को जब कृषि के मुद्दे पर चर्चा शुरू होने वाली थी तो विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच बाजवा को सदन के भीतर अधिकारियों की मेज पर चढ़कर एक सरकारी फाइल को आसन की ओर फेंकते हुए देखा गया. ठाकुर ने कहा कि मेज पर चढ़कर फाइल फेंकना एक शर्मनाक घटना थी. सूचना एवं प्रसारण मंत्री ठाकुर ने कहा कि इस तरह के कृत्य को अंजाम देकर यदि कोई गौरव महसूस करे तो मुझे लगता है कि 26 जनवरी की शर्मनाक घटनाओं की पुनरावृत्ति हो रही है.
बाजवा ने मंगलवार को कहा था कि उन्हें राज्यसभा में हंगामा करने पर कोई पश्चाताप नहीं है तथा कृषि कानूनों के विरूद्ध आवाज उठाने के लिए वह किसी भी कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार हैं. कांग्रेस सांसद ने पीटीआई भाषा से कहा कि मुझे कोई खेद नहीं है. यदि सरकार तीन काले कृषि कानूनों पर चर्चा का अवसर नहीं देगी तो मैं इसे 100 बार फिर से करूंगा. (भाषा)