Karm Yuddh में अपने कैरेक्टर पर से Ashutosh Rana ने उठाया पर्दा, बताई ये बातें

मुंबई : इंडस्ट्री के बेहतरीन और दिग्गज कलाकार आशुतोष राणा (Ashutosh Rana) जल्द ही वेब सीरीज कर्मयुद्ध लेकर आने वाले हैं. इस सीरीज में अपने किरदार और कहानी के बारे में उन्होंने First India Filmy के Managing Editor Ashish Tiwari से खास बातचीत की.

जब उनसे ये पूछा गया कि आपके हिसाब से कर्म युद्ध किया है तो उन्होंने कहा कि जिस तरह से महाभारत में हमने धर्म युद्ध की कहानी देखी जो एक पारिवारिक और सत्ता के संघर्ष की कहानी थी वैसे ही कर्मयुद्ध आज के परिवार के संघर्ष की कहानी है. अपने हिस्से में आने वाले कर्म को बखूबी से निभाना ही युद्ध को जीत जाना है.

सीरीज में अपने कैरेक्टर गुरु शास्त्री के बारे में बात करते हुए आशुतोष राणा (Ashutosh Rana) ने बताया कि जिस तरह से समुद्र में उठने वाली ऊंची ऊंची लहरों को उठाने वाली अंदरूनी तरंगों की कोई बात नहीं करता मेरा किरदार भी उसी तरह है जो अंदरूनी है लेकिन तरंग लिए हुए हैं.

फिल्मों के कैरेक्टर जो स्वतंत्र होते हैं और अपने निजी स्वभाव के बारे में जानकारी देते हुए आशुतोष ने बताया कि जीवन वही है जो स्वतंत्रता से जिया जा सके हर व्यक्ति को अपना नाम खुद रखने और अपना काम खुद चुनने की आजादी होनी चाहिए और मुझे अपने गुरु के आशीर्वाद से यह आजादी मिली उसके लिए मैं बहुत खुश हूं. फिल्म के राइटर और डायरेक्टर मेरे किरदार को जो नाम देते हैं उसके मूल को समझकर अगर मैं उसी के अनुरूप पर्दे पर व्यवहार करूं तो मेरा आधा काम ऐसे ही संपन्न हो जाता है.

बड़ा पर्दा हो या ओटीटी आपका परफॉर्मेंस खेल कर आता है इतना परफेक्शन आप कैसे लाते हैं? इस बारे में बात करते हुए आशुतोष (Ashutosh) ने बताया कि कुछ लोगों को किस्मत से मिलता है कुछ लोग कर्म से मिलता है कुछ लोगों को कृपा से मिल जाता है. मुझे भी अपने गुरु की कृपा से सब मिल गया.

आप एक्टर के साथ लेखक भी हैं तो क्या कभी दर्शकों के लिए कुछ लेकर आने वाले हैं. मैं चाहता हूं कि ओटीटी पर रामराज्य पर कुछ अच्छा बनकर आए जो हर व्यक्ति को पसंद आए. बाकी सब कुछ इस प्रकृति और ब्रह्मांड पर निर्भर है.

इस दौरान कैरेक्टर्स यानी पात्र के बारे में बात करते हुए आशुतोष (Ashutosh) राणा ने कहा कि हम कलाकारों से एक छोटी सी गलती होती है कि हम जब भी कोई किरदार निभाते हैं तो हमें उस पात्र के अनुरूप खुद को ढाल कर पदार्थ बनना होता है लेकिन हम इसका उल्टा करते हैं और खुद पात्र बनकर कैरेक्टर को पदार्थ बना देते हैं. अगर यही अंतर समझ लिया जाए तो सब कुछ बहुत बेहतर होगा. इसके अलावा और भी कई बातें आशुतोष राणा ने First India Filmy के साथ की जानने के लिए देखें पूरा इंटरव्यू.