जयपुर: राजस्थान में जारी सियासी खींचतान के बीच सचिन पायलट के लिए कांग्रेस के दरवाजे बंद हो गए हैं. इस पर सचिन पायलट ने पहली प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया कि सत्य को परेशान किया जा सकता है पराजित नहीं. लेकिन अब सचिन पायलट के बयान पर अविनाश पांडे ने कहा कि सत्य वचन सचिन पायलट आपने भाजपा के साथ मिलकर सत्य को काफी परेशान किया, लेकिन पराजित नहीं कर पाए न आगे कर पाएंगे. सत्यमेव जयते.
सत्य वचन @SachinPilot 🙏
— Avinash Pande (@avinashpandeinc) July 14, 2020
आपने भाजपा के साथ मिलकर सत्य को काफी परेशान किया, लेकिन पराजित नहीं कर पाए न आगे कर पाएंगे । सत्यमेव जयते । https://t.co/DdJr5M6czp
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आ बैल मुझे मार' के रवैये के साथ काम कर रहे थे:
वहीं राज्यपाल से मिलने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडिया से वार्ता करते हुए कहा कि मजबूरी में हाईकमान को फैसला करना पड़ा है. बीजेपी की ओर से लगातार सरकार को कमजोर करने की कोशिश हो रही थी. जिनपर एक्शन लिया गया है वो लगातार 'आ बैल मुझे मार' के रवैये के साथ काम कर रहे थे. क्योंकि काफी लंबे समय से बीजेपी हार्स ट्रेडिंग की कोशिश कर रही थी और हमारे कुछ साथी गुमराह होकर दिल्ली चले गए. लेकिन बीजेपी के मंसूबे पूरे नहीं हुए. अन्य राज्यों की तरह बीजेपी धनबल के आधार पर राजस्थान में भी वहीं करने वाली थी. उन्होंने कहा कि मैं दुखी होते हुए कहता हूं जिस रूप में देश में होर्स ट्रेडिंग हो रही है. इससे पहले भी देश में कई सरकारे आई लेकिन ऐसा पहले कभी नहीं हुआ.
हमने नाराज विधायकों को पूरा मौका दिया:
सीएम गहलोत ने कहा कि हमने नाराज विधायकों को पूरा मौका दिया इसी के चलते आज एक मौका और दिया गया लेकिन वो फिर भी नहीं आए. उनमे से 8-10 तो आना चाहते थे. हमारे पूर्व अध्यक्ष पायलट के पास वहां पर कुछ नहीं है. वो वहां बीजेपी के हाथों में खेल रहे हैं. वहां पूरी व्यवस्था बीजेपी ने की है. मेरे पास कोई विधायक आया हो चाहे वो किसी भी ग्रुप का हो मैंने सबके काम किए. उनका दिल जानता है मैंने किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया.
भाजपा धनबल से राज्य की दूसरी सरकारों को तोड़-मरोड़ रही:
पहली बार देश खतरे में आ रहा है. जो सरकार देश में आई है वह धनबल से राज्य की दूसरी सरकारों को तोड़-मरोड़ रही है. सरकारें बदली हैं, राजीव गांधी चुनाव हारे हैं. ये सब कुछ हुआ. पाकिस्तान में ऐसा नहीं होता. पायलट, भाजपा के हाथ में खेल रहे हैं. भाजपा का मैनेजमेंट है, जो मध्यप्रदेश में मैनेज कर रहे थे, वही यहां लगे हैं. आप सोच सकते हैं कि इनका इरादा क्या है?