जयपुर: राजस्थान (Rajasthan) पर इंद्रदेव मेहरबान हुए है. रोजाना मौसम पलटी मार रहा है. जेठ की तपती गर्मी में इन दिनों सावन की झड़ी सी लग गई है. दोपहर बाद जयपुर, बीकानेर, उदयपुर, अलवर, अजमेर, सीकर सहित कई जिलों में जमकर बारिश हुई. इस बारिश से लोगों को भीषण गर्मी की तपन से राहत मिली है. बीकानेर शहर सहित ग्रामीण इलाकों में मोती के दाने जैसे ओले भी पड़े.
पारा 8 डिग्री तक लुढ़का:
इसका असर तापमान पर भी पड़ा. उदयपुर में तो अधिकतम तापमान (Maximum Temperature) 8 डिग्री लुढ़कर 26 डिग्री पर पहुंच गया. मौसम विज्ञानियों की मानें तो पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से हरियाणा व राजस्थान के कई हिस्सों में बारिश से मौसम खुशनुमा हो गया है.
रविवार को कुछ हिस्सों में तेज हवाओं के साथ हो सकती है बारिश:
शनिवार व रविवार को पश्चिमी राजस्थान के बीकानेर, चूरू, नागौर व हनुमानगढ़ जिलों में थंडरस्टॉर्म (Thunderstorm) के साथ अचानक तेज हवाएं (40-50 Kmph) व बारिश होने की संभावना है. इसके बाद 7 जून से पश्चिमी राजस्थान में मौसम मुख्यतः शुष्क रहेगा. तापमान में भी दो से तीन डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी होगी. फिर भी जून के दूसरे सप्ताह में जो गर्मी आमतौर पर होती है, वो संभवत: नहीं होगी. शाम होते-होते नागौर में भी बादल घिर आए और कुछ देर की बारिश के बाद तपते सूरज की गर्मी को कम किया.
पूर्वी राजस्थान में बारिश संभव:
पश्चिमी राजस्थान के जिलों के साथ ही पूर्वी राजस्थान के जयपुर, कोटा, भरतपुर, उदयपुर व अजमेर संभाग के जिलों में कुछ स्थानों पर आगामी 3-4 दिन दोपहर के बाद थंडरस्टोर्म के साथ हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश होने की संभावना है. जयपुर में दोपहर बाद रिमझिम शुरू हो गई. कोटा में बादलों ने डेरा डाला हुआ था. अलवर के भिवाड़ी के आसपास का पूरा क्षेत्र बारिश में नहाया. दौसा में भी बादल छाए हुए हैं और ठंडी हवाएं शनिवार शाम तक चलती रहीं.
अगले दो-तीन दिन तक गर्मी का असर कम रहेगा. उधर, झुंझुनूं में हल्की बूंदा बांदी से राहत मिली. हरियाणा के पास ही बसे श्रीगंगानगर में शनिवार दोपहर तक अच्छी खासी धूप ने गर्मी कर रखी थी. गंगापुर सिटी में मौसम में आए बदलाव से करीब 10 मिनट तक बारिश हुई. अजमेर में शाम करीब छह बजे बौछारें पड़ने लगीं, जिससे मौसम सुहाना हो गया.
बीकानेर में जमकर बरसे बदरा:
बीकानेर की सड़कों पर हर बार जून के पहले सप्ताह की दोपहर में बाहर निकलना दूभर हो जाता है. तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर होता है और सड़कों पर आग बरस रही होती है. इसके विपरीत शनिवार को आसमान से तपिश की बजाय राहत की बारिश हुई. बादलों की तेज गड़गड़ाहट (Thunder) के साथ काफी देर हुई बारिश ने तापमान को गिरा दिया. जेठ के महीने में इस बार सावन सा माहौल है.
यहां गिरे ओले:
श्रीडूंगरगढ़ सहित कुछ क्षेत्रों में तो बारिश के साथ बर्फबारी भी हुई है. मोतियों जैसे छोटे-छोटे ओले गिरे. करीब 10 मिनट तक हुई बारिश के बाद हवाओं में ठंडक घुल गई. शाम करीब साढ़े चार बजे बीकानेर शहर में भी ओले गिरे. सुबह से ही बादलों का आना-जाना शुरू हो गया था. दोपहर तीन बजे तक बादलों ने शहर के ऊपर डेरा डाला और थोड़ी देर बाद बरसना शुरू कर दिया. शुरुआती रिमझिम के बाद एक बार तो शांति हो गई लेकिन वापस घूमकर आए बादलों ने जमकर बारिश की.
पेड़-पौधों को जीवनदान:
शहरी क्षेत्र में नहर बंदी के कारण अर्से से पानी का संकट था. ऐसे में पार्क में लगी घास जलने के कगार पर थी. शनिवार की बारिश ने पार्कों में लगे पौधों को जीवन दान दिया है. उधर, ग्रामीण क्षेत्रों में हुई बारिश से किसानों के चेहरे खिल उठे हैं. अधिकांश किसान अच्छा मौसम देखकर बुवाई की तैयारी में जुट गए हैं. बीकानेर में अधिकांश हिस्सा बारानी है, यानी यहां सिर्फ बारिश के कारण ही फसल होती है.