जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोयला संकट के बीच प्रदेश की सूरतगढ़, कालीसिंध एवं कोटा थर्मल की बंद इकाइयों में से कुछ में बिजली उत्पादन फिर से शुरू होने पर खुशी जतायी है.
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि आगामी त्योहारी मौसम को देखते हुए प्रदेश में बिजली आपूर्ति सुचारू बनाए रखें एवं कोयले की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए केन्द्र सरकार से लगातार समन्वय स्थापित करें.
निवास पर आयोजित बैठक में प्रदेश में विद्युत आपूर्ति की स्थिति की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को कहा कि आगामी त्यौहारी सीजन को देखते हुए प्रदेश में बिजली आपूर्ति सुचारू बनाए रखें एवं कोयले की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए केन्द्र सरकार से लगातार समन्वय स्थापित करें।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) October 17, 2021
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गहलोत रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित बैठक में प्रदेश में विद्युत आपूर्ति की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे. उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता को राहत देने के लिए राज्य सरकार ने अक्टूबर माह में 182 करोड़ रुपए की बिजली खरीदी है. कोल इण्डिया लिमिटेड की अनुषंगी कम्पनी एनसीएल एवं एसईसीएल से अभी भी राज्य को आवंटित 11 रैक में से औसतन प्रतिदिन 5-6 रैक ही कोयले की आपूर्ति हो रही है. इससे प्रदेश के थर्मल पावर प्लांट पूरी क्षमता के साथ विद्युत उत्पादन नहीं कर पा रहे हैं.
कोल इण्डिया लिमिटेड की सब्सिडियरी कम्पनी एनसीएल एवं एसईसीएल से अभी भी प्रदेश को आवंटित 11 रैक में से औसतन प्रतिदिन 5-6 रैक ही कोयले की आपूर्ति हो रही है। इससे प्रदेश के थर्मल पावर प्लांट पूरी क्षमता के साथ विद्युत उत्पादन नहीं कर पा रहे हैं।
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उन्होंने अधिकारियों को केन्द्रीय कोयला मंत्रालय एवं ऊर्जा मंत्रालय से सम्पर्क स्थापित कर प्रदेश को कोयले की आपूर्ति बढ़ाने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने पारसा कांटा कैप्टिव कोल ब्लॉक के द्वितीय चरण के 1136 हेक्टेयर में खनन शुरू करने के वास्ते केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय की मंजूरी के लिए मंत्रालय से सम्पर्क स्थापित करने एवं मंजूरी शीघ्र प्राप्त करने के भी निर्देश दिए.
पारसा कांटा कैप्टिव कोल ब्लॉक के द्वितीय चरण के 1136 हैक्टेयर में खनन शुरू करने के लिए केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय के क्लीयरेंस के लिए मंत्रालय से सम्पर्क स्थापित करने एवं क्लीयरेंस शीघ्र प्राप्त करने के भी निर्देश दिए।
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अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार ने केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री को पत्र लिखकर जल्द से जल्द स्वीकृति देने का आग्रह किया है. बैठक में अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश को आवंटित कैप्टिव कोल माइन्स से अब बढ़कर 11 रैक प्रतिदिन कोयला प्राप्त हो रहा है. इससे पावर प्लांट संचालन में काफी सुविधा हुई है.
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि कालीसिंध पावर प्लांट की 600 मेगावाट क्षमता की बंद पड़ी इकाई फिर से शुरू हो गई है. इसके अलावा सूरतगढ़ सुपर क्रिटिकल प्लांट की 660 मेगावॉट की इकाई, कोटा थर्मल की 195 मेगावाट एवं सूरतगढ़ ओएण्डएम 250 मेगावाट क्षमता की इकाई में उत्पादन फिर से शुरू होने से पिछले कुछ दिनों में बिजली आपूर्ति में प्रदेश को काफी राहत मिली है.
बैठक में ऊर्जा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने कहा कि राज्य सरकार से हुए समझौते के मुताबिक कोल इण्डिया लिमिटेड से कोयले की पर्याप्त आपूर्ति हो तो राज्य में बिजली उत्पादन में कोई कमी नहीं रहेगी. गहलोत ने सार्वजनिक निर्माण विभाग की समीक्षा बैठक भी की. इसमें उन्होंने कहा कि राज्य में सड़कों का निर्माण एवं उनकी मरम्मत राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में हैं. सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारी सड़क निर्माण में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं करें एवं इन्जीनियर समय-समय पर निरीक्षण कर निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जांच करें.
धौलपुर, करौली, सवाईमाधोपुर, टोंक एवं कोटा संभाग के चार जिलों सहित 8 जिलों में जहां सड़कें ज्यादा खराब हैं, वहां 145 करोड़ रूपए के प्रस्ताव मंगवाए गए हैं इनका परीक्षण कर इन जिलों में खराब सड़कों की मरम्मत के कार्य शीघ्र करवाए जाएं।
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