जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के स्वयं सहायता समूहों के वित्तीय प्रबंधन के लिए राजस्थान महिला निधि की स्थापना के वास्ते 25 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बजट प्रावधान को मंजूरी दे दी है. गौरतलब है कि गहलोत ने 26 अगस्त 2022 को महिला समानता दिवस के अवसर पर महिला निधि की शुरुआत की थी. उन्होंने उम्मीद जताई थी कि इस निधि से महिलाओं को सामाजिक और आर्थिक उन्नति मिलेगी. गहलोत ने कहा था कि महिला निधि के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को रोजमर्रा की जरूरतों, स्वरोजगार और आय अर्जन गतिविधियों के लिए आसानी से पर्याप्त ऋण उपलब्ध हो सकेगा, जिससे वे आर्थिक रूप से सशक्त बनेंगी.
राजस्थान महिला निधि’ का गठन राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद (राजीविका) के माध्यम से किया गया है. राजस्थान उत्तर भारत का पहला राज्य है, जहां महिला निधि की स्थापना की गई है. गहलोत द्वारा 2022-23 के बजट में महिला निधि की स्थापना के लिए आगामी दौ वर्षों में 50 करोड़ रुपये का अंशदान उपलब्ध कराने की घोषणा की गई थी. उक्त घोषणा की अनुपालना में यह वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है. इस योजना के तहत 40 हजार रुपये तक का ऋण 48 घंटे, जबकि 40 हजार रुपये से अधिक का ऋण 15 कार्य दिवस में आवेदित सदस्यों के समूह के बैंक खाते में जमा हो जाएगा.
वर्तमान में राज्य के 33 जिलों में 2.70 लाख स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जा चुका है, जिनसे 30 लाख परिवार जुड़े हुए हैं. वित्त वर्ष 2022-23 में 50 हजार स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जाना प्रस्तावित है, जिनमें लगभग छह लाख परिवारों को शामिल किया जाएगा. राज्य में कुल 36 लाख परिवारों को उनकी आवश्यकताओं के आधार पर चरणबद्ध तरीके से राजस्थान महिला निधि से लाभ प्रदान किया जाएगा. (भाषा)