बजट की तैयारी में जुटे सीएम गहलोत, कहा-हर साल पेश होगा पृथक कृषि बजट

जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश के अगले बजट की तैयारी में जुट गए है. बजट तैयार करने से पहले सीएम गहलोत विभिन्न वर्गों व संगठनों व प्रतिनिधियों के साथ संवाद करके उनकी राय जान रहे है. इसी क्रम में मुख्यमंत्री ने आज सचिवालय में किसानों, पशुपालकों, डेयरी संघों के पदाधिकारियों तथा जनजातीय क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ बजट पूर्व संवाद किया. मुख्यमंत्री ने एक बार फिर साफ कर दिया कि सरकार अब हर साल किसानों के लिए अलग से बजट पेश करेगी.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक तरफ जहां पिछले बजट की घोषणाओं को एक के बाद एक लगातार पूरी करते जा रहे है, वहीं अपने सरकार के अंतिम बजट की तैयारी में भी जुट गए है. बजट से पहले मुख्यमंत्री संवाद कर रहे है. आज उन्होंने किसानों, पशुपालकों, डेयरी संघों के पदाधिकारियों तथा जनजातीय क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ बात की. एक एक करके इनकी बात सुनी और साथ ही लिखित में भी सुझाव मांगे.

बैठक में कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, जल संसाधन मंत्री महेन्द्रजीत सिंह मालवीया, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डॉ. महेश जोशी, कृषि विपणन राज्य मंत्री मुरारी लाल मीणा, मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार अरविन्द मायाराम, मुख्यमंत्री सलाहकार गोविन्द शर्मा, निरंजन आर्य, प्रमुख  सचिव वित्त अखिल अरोडा, प्रमुख  सचिव कृषि दिनेश कुमार सहित वरिष्ठ अधिकारीगण, कृषक, पशुपालक, डेयरी संघ पदाधिकारी एवं जनजाति क्षेत्र के प्रतिनिधिगण उपस्थित रहे. 

किसानों व डेयरी से जुड़े लोगों ने किसानों की समस्याएं बताई और मुख्यमंत्री के सामने विभिन्न मांगे रखी. मुख्यमंत्री ने कहा कि एक लोकतांत्रिक सरकार के लिए आमजन के सुझाव महत्वपूर्ण हैं. राज्य सरकार सभी उपयोगी सुझावों को कृषि बजट में सम्मिलित करने का पूरा प्रयास करेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतिवर्ष कृषि के लिए अलग से बजट प्रस्तुत किया जाएगा ताकि किसानों को अधिक से अधिक लाभ दिया जा सके. मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में आलोचना भी होती है, लेकिन हम उनका स्वागत करते है. अच्छे सुझाव आएंगे उनके आधार पर फैसले भी होंगे.

कृषकों के कल्याण के लिए विगत वर्षों में गहलोत सरकार द्वारा मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना, कृषक कल्याण कोष का गठन, मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना, ऋण माफी, सहकारी फसली ऋण ऑनलाइन पंजीयन एवं वितरण योजना, राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति जैसे कई अहम फैसले लिए गए हैं, जो कृषि क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं. राजस्थान में तकनीक और नवाचारों के माध्यम से कृषि और डेयरी क्षेत्रों का तेजी से विकास किया जा सकता है. 

प्रदेश में पानी की कमी और गिरते भूजल स्तर को देखते हुए राज्य सरकार बूंद-बूंद और फव्वारा सिंचाई पद्धति को बढ़ावा मिल रहा है. सरकार ने खेतों में सोलर पैनल लगाकर किसानों की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने की योजना लागू की है. बैठक में कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किसानों को लगभग 16 हजार 800 करोड़ रूपए की फसल बीमा राशि का भुगतान किया जा चुका है. कोरोना काल के बाद युवाओं का कृषि के प्रति रूझान बढ़ा है. युवा किसानों द्वारा नई तकनीकों का उपयोग कर खेती को उन्नत बनाया जा रहा है. अब किसानो को उम्मीद है कि जो सुझाव उन्होंने मुख्यमंत्री को दिए है उनमें से कई सुझाव बजट घोषणाओं के दौरान परिलक्षित होंगे.

...डॉ रितुराज शर्मा के साथ नरेश शर्मा की रिपोर्ट