जयपुर: गहलोत मंत्रिमंडल के विस्तार (Gehlot cabinet expansion) के बाद मंत्री बनने से वंचित रहे छह विधायकों को मुख्यमंत्री का सलाहकार बनाया है. उनमें पहले सचिन पायलट खेमे में रहे और बगावत के बाद गहलोत खेमे में आए दानिश अबरार का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है. सीएम अशोक गहलोत ने भी सलाहकार बनाने के बाद तीन तिगड़ी विधायकों चेतन डूडी, दानिश अबरार व रोहित बोहरा की तारीफ की है.
उन्होंने कहा कि आज दानिश को जो पद मिला वह इन दोनों के त्याग से मिला है. चेतन और रोहित की सलाह लेकर दानिश को सलाहकार बनाया है. इस दौरान मुख्यमंत्री गहलोत तीनों विधायकों की खुलेमन से तारीफ करते नजर आए. ऐसे में तीनों विधायकों ने भी एक साथ सीएम से कहा कि ये तो आपका हमारे प्रति स्नेह है.
कहां हैं मेरा सलाहकार ?
वहीं सलाहकार नियुक्त होने के बाद जब सीएम गहलोत ने चेतन डूडी के भतीजे की शादी में नवनियुक्त सलाहकार दानिश अबरार के लिए पूछा कि कहां हैं मेरा सलाहकार? तो पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा ने मजाकिया अंदाज में चुटकी लेते हुए कहा कि पहले तो हमेशा मुख्यमंत्री के आसपास रहते थे अब सलाहकार बना दिया तो दूर दूर भाग रहे हो. ऐसे में दानिश अबरार ने कहा कि साहब दूर नहीं आपके दिल के पास हूं. तो सीएम ने कहा कि अब सलाहकार बन गए हो तो पास रहना होगा.
दानिश अबरार को CM सलाहकार का पद आखिर क्यों !
आपको बता दें कि दानिश अबरार को CM सलाहकार का पद मिलने की सबसे ज्यादा चर्चा है. दानिश अबरार को CM सलाहकार का पद आखिर क्यों ! जबकि युवा दानिश पहली बार विधायक बने हैं. दानिश वहीं है जिन्होंने गहलोत सरकार बचाने में अहम भूमिका निभाई थी. वो साथी विधायक चेतन डूडी और रोहित बोहरा के साथ आधे रास्ते से लौट आए थे. प्रशांत बैरवा का मन भी अहमद पटेल के आवास पहुंचने के बाद इन्होंने ही बदला था. दानिश अबरार ने ही इस दौरान बेहद अहम रोल प्ले किया था. जबकि पहले उनकी गिनती पायलट के भरोसेमंद नेताओं में होती थी. दानिश मरहूम पूर्व केंद्रीय मंत्री अबरार अहमद के पुत्र है. सवाईमाधोपुर के इस युवा विधायक को अल्पसंख्यक वेलफेयर की जिम्मेदारी मिलेगी.