लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि सपा की ‘लाल टोपी’ मुजफ्फरनगर दंगों के पीड़ितों और अयोध्या में मारे गए राम भक्तों के खून से सनी हुई है.
योगी ने शनिवार शाम एक टीवी चैनल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहा, “समाजवादी पार्टी की लाल टोपी मुजफ्फरनगर दंगों के पीड़ितों और अयोध्या में राम भक्तों के खून से रंगी हुई है.” सपा कार्यकर्ता लाल टोपी पहनते हैं और भाजपा इसके रंग को लेकर सपा पर निशाना साधती रही है. इससे पहले प्रधानमंत्री ने भी एक रैली में इसे ‘रेड अलर्ट’ करार दिया था.
सरकार ने आम आदमी की रक्षा और सुरक्षा की भावना पैदा करने के लिए काम किया:
योगी ने कार्यक्रम में कहा कि उनकी सरकार ने आम आदमी की रक्षा और सुरक्षा की भावना पैदा करने के लिए काम किया, साथ ही यह सुनिश्चित करने का भी प्रयास किया कि‘‘अपराधी डर महसूस करें. पिछली सपा सरकार पर राज्य के गरीब लोगों की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने (सपा) केवल अपने करीबियों के लिए काम किया जो इत्र के कारोबार में शामिल हैं. उन्होंने कहा कि वे इनकार कर सकते हैं लेकिन सच सच ही रहता है.
सपा ने कभी भी उत्तर प्रदेश और उसके लोगों को अपना नहीं माना:
राज्य की मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी और उसके नेता अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए योगी ने कहा कि उन्होंने (सपा) कभी भी उत्तर प्रदेश और उसके लोगों को अपना नहीं माना. उनका नजरिया परिवार और पाकिस्तान केंद्रित है. 2017 से पहले राज्य में हर तीसरे दिन दंगे होते थे और लड़कियां डरती थीं. राज्य में भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में आने के बाद यह बदल गया है. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने उत्तर प्रदेश को एक नयी पहचान प्रदान की है और “अब व्यापारी और लोग राज्य से पलायन करने के लिए मजबूर नहीं हैं. व्यवसायी अब राज्य वापस लौट रहे हैं और विकास में अपना योगदान दे रहे हैं.
हमारी सरकार ने किसी के खिलाफ राजनीति से प्रेरित प्राथमिकी दर्ज नहीं की:
यह पूछे जाने पर कि क्या उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार की कार्रवाई किसी धर्म विशेष के लोगों के खिलाफ है इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने किसी के खिलाफ राजनीति से प्रेरित प्राथमिकी दर्ज नहीं की है. सपा नेता आजम खान के खिलाफ 80 से अधिक मामले दर्ज होने के संदर्भ में उन्होंने कहा कि आजम खान के खिलाफ मामले उनके गलत कामों का परिणाम हैं. अगर कोई गरीबों की जमीन पर कब्जा करने और गरीबों से जबरन वसूली कर संस्थान बनाने की कोशिश करता है तो उस व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. सोर्स-भाषा