जयपुर: राजस्थान में अवैध खनन माफिया को साधुओं के शाप ने उखाड़ कर रख दिया है. ब्रज चौरासी में बरसों से अवैध खनन कर आस्था की जड़ों को खोखला करने वाले माफिया अब सरकार की ताकत के आगे बेबस नज़र आ रहे हैं. ब्रज चौरासी की घटना के बाद सरकार द्वारा चलाए गए संयुक्त अभियान के पहले पखवाड़े में कुल 754 प्रकरण दर्ज कर 153 को सलाखों के पीछे भेजा जा चुका है. आज सीएस ने भी साफ निर्देश दिए कोई कितना ही रसूखदार हो उखाड़ फेंको.
अवैध खनन अभियान के 15 दिन के आंकडे:
विवरण खान विभाग मय पुलिस पुलिस वन योग
अवैध खनन 65 6 19 90
अवैध निर्गमन 462 142 10 614
अवैध भंडारण 33 17 0 50
कुल प्रकरण 560 165 29 754
FIR 147 114 29 290
गिरफ्तारी 71 59 23 153
बडी जब्त मशीन 37 3 0 40
कुल वाहन/मशीन जब्त 542 167 28 737
खनिज जब्त 20320 4614 0 24934
जुर्माना 337.53 24.88 9.2 371.61
ब्रज चौरासी में संत विजयदास का बलिदान खाली नहीं गया. अभी तक अपने सियासी रसूख, धन बल और बाहुबल से पूरे प्रदेश के गर्भ को चीरकर अवैध खनन से चांदी काट रहा खनन माफिया 15 दिन में ही बोरियया बिसतर समेटता नजर आ रहा है. भले ही देर से ही चेती लेकिन सरकार ने माफिया को अपनी ताकत दिखा ही दी. ब्रज चौरासी की घटना के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पुलिस और खान विभाग को खनन माफिया को उखाड़ फैंकने के निर्देश दिए थे.
इसके बाद पुलिस, खान और वन विभाग ने जबरदस्त कार्रवाई करते हुए ब्रज चौरासी ही नहीं पूरे प्रदेश में खनन माफिया को चिन्हित कर हमला बोल दिया. नतीजा भी उतना ही शानदार सामने आया. अभियान के पहले 15 दिन में ही प्रदेश में अवैध खनन, निर्गमन और भंडारण के 754 मामाले बना कर, 290 एफआईआर काटी गई और 153 लोगों को सलाखों के पीछे भेजा गया. अभियान में 40 से ज्यादा बड़ी मशीन जब्त की और 737 वाहन और मशीन जब्त कर करीब 25 हजार टन खनिज भी जब्त किया गया.
तीनों विभागों ने मिलकर 3 करोड़ 71 लाख रुपए से ज्यादा जुर्माना भी वसूला. आज मुख्य सचिव उषा शर्मा की अध्यक्षता में अभियान की समीक्षा की गई. डीजीपी एमएल लाठर, एसीएस गृह अभय कुमार, एसीएस माइंस डॉ सुबोध अग्रवाल और पीसीसीएफ हॉफ डॉ डीएन पाण्डेय बैठक में मौजूद रहे और सभी संभागीय आयुक्त, कलेक्टर और एसपी भी वीसी के जरिए शामिल हुए. बैठक में साफ कहा गया कि अवैध खनन की निगरानी आौर रैकी पुलिस के ड्रोन से कर अवैघ खनन पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए.
अवैध खनन के स्पॉट पर जाकर उसे खत्म किया जाए और कोई कितना ही रसूखदार क्यों न हो उसे बख्शा नहीं जाए. डीजीपी ने तो साफ कहा कि अवैध खनन मामले में जो पुरानी 3257 FIR हैं और सरकारी अमले से मारपीट की 62 FIR उन्हें 15 दिन में निस्तारित करें. इन आदेशों से सरकार की मंशा साफ है कि अब अवैध खनन मंजूर नहीं और न ही माफिया की सियासी सरपरस्ती. अब खनन तो होगा पर वैध होगा और नियमों से ही होगा.