विश्व के समावेशी विकास के लिये संघर्षो का बातचीत से समाधान होना चाहिए- ओम बिरला

नई दिल्ली: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए बहुपक्षवाद के महत्व को रेखांकित करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि विश्व के समावेशी विकास के लिए संघर्षों का आपसी बातचीत से समाधान होना चाहिए . बिरला ने कहा कि रूस-यूक्रेन संकट और कोविड-19 के कारण उत्पन्न अंतर्राष्ट्रीय अस्थिरता से विश्व के समक्ष खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा संकट पैदा हो गया है, ऐसे में उचित दर पर तथा सतत रूप से खाद्य एवं ऊर्जा संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करना हम सभी की प्रतिबद्धता होनी चाहिए. 

लोकसभा सचिवालय के बयान के अनुसार, लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने इंडोनेशिया के जकार्ता में आयोजित जी-20 देशों की संसदों के अध्यक्षों के 8वें शिखर सम्मेलन (पी 20) के दौरान "प्रभावी संसद, जीवंत लोकतंत्र" विषय पर अपने संबोधन में यह बात कही . उन्होंने कहा कि रूस-यूक्रेन संकट ने भी खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा को प्रभावित किया है. उन्होंने कहा कि कोविड-19 से उत्पन्न अंतर्राष्ट्रीय अस्थिरता के कारण विश्व के समक्ष खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा संकट खड़ा हो गया है जिसके कारण विकासशील देशों एवं समाज के कमजोर वर्गों के लिए खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा संबंधी चिंताएं काफी बढ़ गई हैं. बिरला ने कहा कि भारत का दृढ़ विश्वास है कि विश्व के समावेशी विकास के लिए इस संघर्ष का आपसी बातचीत और कूटनीति के माध्यम से समाधान होना चाहिए.’ उन्होंने कहा कि भारत ने सदैव नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का समर्थन किया है और वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए बहुपक्षवाद को अपनाने पर जोर दिया है .

उन्होंने कहा कि इससे विश्व के समक्ष चुनौतियों का जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप समाधान निकाला जा सकेगा . लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि जब भारत आने वाले समय में जी20 की अध्यक्षता करने जा रहा है, तब हम समूह के देशों के बीच अधिक एकजुटता और सहयोग हेतु भारत की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हैं. उन्होंने सुझाव दिया कि सभी संसदों की जिम्मेदारी है कि वे खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और सतत विकास जैसे महत्वपूर्ण वैश्विक विषयों पर अपनी सरकारों का ध्यान केंद्रित करें. बयान के अनुसार, बिरला ने जकार्ता में फुटबॉल मैच के दौरान हुई मौतों पर शोक व्यक्त किया और घटना में घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की. सोर्स- भाषा