जयपुर: पंजाब में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस (Punjab Congress) में जारी अंदरूनी कलह थमने का नाम नहीं ले रही है. यहां पार्टी में कांग्रेस का आंतरिक संकट चरम पर है. कैप्टन अमरिंदर सिंह और सिद्धू आमने-सामने हुए है. आलाकमान ने दोनों के बीच समझौते का फॉर्मूला दिया था. सिद्धू को प्रचार अभियान समिति का प्रमुख बनाने और दो डिप्टी सीएम व नया प्रदेशाध्यक्ष बनाने का फॉर्मूला दिया था. लेकिन अब सिद्धू ने किसी भी समझौते या फॉर्मूले से साफ इनकार किया है.
पंजाब में कांग्रेस का आंतरिक संकट चरम पर !
— First India News Rajasthan (@1stIndiaNews) June 21, 2021
कैप्टन अमरिंदर सिंह और सिद्धू हुए आमने-सामने, आलाकमान ने दिया था दोनों के बीच समझौते का फॉर्मूला, सिद्धू को प्रचार अभियान समिति का प्रमुख बनाने का फॉर्मूला... @capt_amarinder @sherryontopp @SachinPilot pic.twitter.com/33Af5vE1yH
ऐसा हुआ तो फिर राजस्थान में पायलट गुट का क्या रहेगा रुख ?
ऐसे में सबसे बड़ा सवाल तो यह खड़ा होता है कि क्या अब नवजोत सिंह सिद्धू कांग्रेस छोड़ेंगे? और यदि ऐसा हुआ तो फिर राजस्थान में पायलट गुट का रुख क्या रहेगा? क्योंकि राजस्थान में पायलट कैंप के सामने आत्मसमर्पण की संभावनाएं काफी कम हैं.
पंजाब में समस्याओं का हल 10 दिन में हो सकता है तो राजस्थान में देर ठीक नहीं:
आपको बता दें कि पायलट समर्थक विधायक मुकेश भाकर, रामनिवास गावड़िया आदि ने कहा था कि पायलट कांग्रेस के साथ और और हम सचिन पायलट के साथ हैं, लेकिन आलाकमान को हमारी भी सुननी चाहिए. जब पंजाब में विधायकों की समस्याओं का हल 10 दिन में हो सकता है तो राजस्थान में देर ठीक नहीं है. सचिन पायलट ने 10 महीने पहले उठाए गए मुद्दों पर गठित केंद्रीय समिति द्वारा अब तक कार्रवाई नहीं होने पर नाराजगी जताई है. राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्रिमंडल फेरबदल नहीं होने से पायलट गुट के कई विधायक नाराज चल रहे हैं.