जयपुर: राजधानी जयपुर वासियों को सोडाला एलिवेटेड रोड पर चलने के लिए अभी करीब 1 महीने का और इंतजार करना होगा. वर्ष 2016 से शुरू हुए इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में जेडीए युद्ध स्तर पर लगा हुआ है. लेकिन अभी और काम बाकी रहने के चलते प्रोजेक्ट पूरा होने की डेड लाइन बढ़ाई गई है.टोंक रोड को अजमेर रोड से जोड़ने वाली इस एलिवेटेड रोड का काम पिछली भाजपा सरकार में वर्ष 2016 में शुरू हुआ था. लेकिन कई डेडलाइन बदलने के बावजूद इसका काम अब भी अधूरा है और अभी इस पर ट्रैफिक चलने में करीब 1 महीने का और समय लगेगा.
जेडीए आयुक्त रवि जैन का कहना है कि अभी 3 पॉइंट पर काम 15 जून तक पूरा कर लिया जाएगा. इसके बाद करीब 10-12 दिन लोड टेस्ट किया जाएगा और उसके बाद ही ट्रैफिक मूवमेंट के लिए खोला जाएगा. उन्होंने बताया कि एलिवेटेड रोड को अजमेर रोड से जोड़ने का काम शुरू कर दिया गया है. इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद यहां से गुजरने वाले वाहन सीधे बिना रुके अंबेडकर सर्किल से अजमेर रोड सोडाला मंडी तक पहुंच सकेंगे. जेडीए आयुक्त रवि जैन के अनुसार प्रोजेक्ट में देरी होने का बड़ा कारण मौके पर काम करने के लिए अधिक समय नहीं मिलना रहा है. यातायात पुलिस से मंजूरी केवल रात के समय 11:00 बजे से सुबह 5:00 बजे तक ही मिलती है. एलिवेटेड रोड को अजमेर रोड से हवा में ही कनेक्ट किया जाएगा. करीब 2.8 किलोमीटर लंबी यह एलिवेटेड रोड शहर में मौजूदा अजमेर एलिवेटेड रोड से भी बड़ी है.
सोडाला एलिवेटेड प्रोजेक्ट का काम पूरा होने के बाद सिविल लाइन सर्किल को दोबारा बनाया जाएगा. जेडीए ने 22 गोदाम सर्किल को हटा दिया है. यहां कुछ समय के लिए ट्रैफिक लाइट लगाई जाएंगी. अगर ट्रैफिक मूवमेंट सही नहीं रहता है तो इसे वापस सर्किल के रूप में विकसित किया जाएगा. इस एलिवेटेड रोड के बनने से शहर में 22 गोदाम सर्किल, हवा सड़क ,सोडाला तिराहे पर लगने वाले ट्रैफिक जाम से बड़ी राहत मिलेगी. अभी अंबेडकर सर्किल से 22 गोदाम सर्किल और आगे हवा सड़क होते हुए सोडाला सब्जी मंडी पहुंचने में करीब 20 से 25 मिनट का समय लगता है. एलिवेटेड रोड के बनने के बाद यह सफर 10 मिनट में पूरा हो जाएगा.
करीब 225 करोड रूपए की लागत से बन रहे सोडाला एलिवेटेड प्रोजेक्ट अगस्त 2016 में शुरू हुआ था. तब इसे पूरा करने की डेडलाइन जून 2019 रखी थी. जून में पूरा नहीं होने के बाद इसकी डेडलाइन को एक साल के लिए यानी मई 2020 तक बढ़ा दिया था. मार्च 2020 में कोरोनाकाल शुरू होने के बाद से प्रोजेक्ट का काम धीमा पड़ गया और ये 3 साल पीछे रह गया.