रामगढ़ (जैसलमेर)। ग्राम पंचायत रामगढ़ ने सीएडी विभाग से नियमानुसार स्वीकृति प्राप्त कर उसका ग्राम सभा में अनुमोदन करने के पश्चात व्यवसायिक भूखण्ड आवंटन करने का कार्यक्रम तय किया था। किन्तु कुछ भूमाफियाओं एवं असामाजिक तत्वों ने बिना किसी कानूनी आधार के व्यवसायिक भूखण्डों की नीलामी में आरक्षण की बेजा मांग कर पूर्व जिला कलेक्टर को तथ्यहीन शिकायत की थी। जिस पर पूर्व कलेक्टर ने बिना किसी जांच के व्यवसायिक के साथ-साथ आवासीय आवंटन पर भी रोक के आदेश जारी कर पंचायत के कार्य क्षेत्र में अनाधिकृत दखलंदाजी की है। इस कारण आवासीय भूखण्ड आवंटन कराने वाले भी अकारण अपने वैधानिक हक से महरूम हो गए है।
राजस्थान पंचायत अधिनियम में व्यवसायिक भूखण्डों की नीलामी में किसी तरह के आरक्षण या प्राथमिकता का कोई प्रावधान नहीं है। ऐसे में पूर्व कलेक्टर द्वारा पंचायत के अधिकार क्षेत्र में बेजा दखलंदाजी समझ से परे है और उनका यह आदेश भूमाफियाओं को अपरोक्ष रूप से मदद करने वाला है। व्यवसायिक भूखण्डों की नीलामी पर रोक लगने के बाद भूमाफिया सक्रिय हो गए और उन सभी भूखण्डों पर कब्जा कर लिया है। जिससे पंचायत को करोड़ों का राजस्व नुकसान हुआ। अगर इस अवैधानिक रोक को नहीं हटाया गया तो, ग्रामीणों के पास जन आन्दोलन के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा और न्यायालय की शरण में जाने के लिए मजबूर होंगे।