VIDEO: खान विभाग का शानदार प्रदर्शन, पिछले 3 सालों में मेजर मिनरल के 13 ब्लॉक्स किए नीलाम, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: मेजर मिनरल के ब्लॉक्स को नीलाम करने के खान विभाग के प्रयासों को जोरदार सफलता मिली है. खान विभाग ने प्रदेश के तीन मैंगनीज का ब्लॉक्स एमएसटीसी के जरिए नीलाम कर इतिहास रच दिया है. इन ब्लॉक्स की रिजर्व प्राइस से 12 प्रतिशत तक अधिक बोली लगाई गई. मध्यप्रदेश के रतलाम की फर्म सैयद अख्तर अली ने इन ब्लॉक्स को नीलामी में खरीदा. खान विभाग ने इस फर्म को कंपोजिट लाइसेंस के लिए पात्र माना है. 

- मेजर मिनरल की दिशा में खान विभाग की बड़ी उपलब्धि 

- बांसवाड़ा के काला खूंटा, रूपखेड़ा, तांबेसरा के मैंगनीज ब्लॉक हुए नीलाम

- तीनों ब्लॉक मैसर्स सैयद अख्तर अली ने रिजर्व प्राइस से ज्यादा बोली लगा ब्लॉक किए अपने नाम

- MSTC के जरिए ब्लॉक्स की रखी गई थी ऑनलाइन नीलामी

- मध्यप्रदेश के रतलाम की फर्म सैयद अख्तर अली को मिले कम्पोजिट लाइसेंस 

- अब इस फर्म द्वारा किया जाएगा एक्सप्लोरेशन 

प्रदेश में यूं तो खनिज के विपुल भंडार हैं और दर्जनों तरह के खनिज यहां पाए जाते हैं. लेकिन कुछ वर्ष पहले तक इनके दोहन की कोई खास नीति भी नहीं थी और तकनीक भी उपलब्ध नहीं थी. पिछले तीन- चार वर्षों में गहलोत सरकार ने इस दिशा में जोरदार काम किया. खान मंत्री प्रमोद भाया के नेतृत्व में विभाग ने बेहतर तकनीक के इस्तेमाल के साथ साथ मेजर मिनरल्स के ब्लॉक्स तैयार कर उन्हें सफलतापूर्वक नीलाम किया. इसी कड़ी में खान विभाग ने प्रदेश में पिछले तीन वर्षों में मेजर मिनरल के कुल 13 ब्लाॅक्स नीलाम किए हैं. इससे विभाग को तीन लाख करोड़ से ज्यादा का राजस्व अगले 50 वर्षों में मिलेगा. इसी कड़ी में खान विभाग ने बांसवाड़ा के काला खूंटा, रूपखेड़ा और तांबेसरा के मैंगनीज ब्लॉक नीलाम करने के लिए एमएसटीसी के जरिए ऑन लाइन नीलामी के प्लेटफार्म पर डाले थी. ये तीनों ही ब्लॉक कई वर्ग किलोमीटर में फैले हैं. इन तीनों में ही खान विभाग ने करीब 300-300 मीटर तक के पांच-पांच बोर होल्स करवाए थे जिनमें करीब 20 मिलियन टन मैंगनीज के भंडार का पता चला है. खान विभाग द्वारा करवाई गई नीलामी में मध्यप्रदेश के रतलाम की फर्म सैयद अख्तर अली द्वारा सर्वाधिक बोली लगाई गई थी. 

अब इस फर्म द्वारा कंपोजिट लाइसेंस मिलने के बाद यहां एक्सप्लोरेशन करवाया जाएगा और मिनरल रिजर्व के हिसाब से खान विभाग को राशि दी जाएगी. दरअसल अभी तक  लाइमस्टोन ब्लॉक ही नीलाम होते रहे हैं. अब आयरन ओर, कॉपर, गोल्ड और मैंगनीज जैसे बेशकीमती खनिजों के ब्लॉक्स नीलाम होने से राजस्थान भी देश के उन अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है जहां बेशकीमती खनिजों का खनन आर उत्पादन किया जाएगा. जीएसआई से मिली रिपोर्ट की मानें तो राजस्थान में यूरेनियम, बेस मेटल और रेयर अर्थ जैसे खनिज भी प्रचुर मात्रा में पाए गए हैं. खान विभाग के एसीएस डॉ सुबोध अग्रवाल की माने तो प्रदेश में माइनर मिनरल के साथ ही मेजर मिनरल के ब्लॉक्स की नीलामी से राजस्व में तो वृद्धि हुई है साथ ही प्रदेश को खनिज उत्पादन की दिशा में मोटा निवेश भी मिलने लगा है.  पिछले तीन वर्ष में प्रदेश में खनन क्षेत्र में काफी बदलाव देखने को मिले  हैं. बजरी से रोक हटी तो, माइनर और मेजर मिनरल के ब्लॉक्स की नीलामी से मोटा निवेश भी आया. अवैध खनन पर अंकुश से भी खान विभाग के राजस्व में वृद्धि हुई है. कहा जा सकता है कि आने वाले कुछ वऱ्षों में खनन सेक्टर और मजबूत होगा और प्रदेश की अर्थव्यवस्था ज्यादा मजबूत होगी.