जयपुर VIDEO: लाइसेंस एक, हस्ताक्षर तीन, और चलता रहा खेल ! कृषि विभाग में उर्वरक कम्पनी के दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा, देखिए ये खास रिपोर्ट

VIDEO: लाइसेंस एक, हस्ताक्षर तीन, और चलता रहा खेल ! कृषि विभाग में उर्वरक कम्पनी के दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: एक बीएससी डिग्रीधारी युवा के दस्तावेजों से 3 बार एक कम्पनी का लाइसेंस जारी कर दिया गया. रोचक बात यह है कि तीनों बार के आवेदन में उसके नाम व हस्ताक्षर अलग-अलग थे. कम्पनी की इस गड़बड़ी पर कृषि विभाग के अधिकारियों ने भी लापरवाही दिखाई और बगैर हस्ताक्षर व एड्रेस देखे कम्पनी को फर्टिलाइजर बनाने का लाइसेंस जारी कर दिया. अब युवक ने निजी कम्पनी के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है. 

कृषि विभाग से मान्यता प्राप्त एक निजी फर्टिलाइजर उत्पादक कम्पनी का फर्जीवाड़ा सामने आया है. पूर्व में जयपुर के सरना डूंगर इंडस्ट्रियल एरिया स्थित और वर्तमान में औद्योगिक क्षेत्र रींगस के रॉयल कैमिकल एंड फर्टिलाइजर्स कम्पनी ने वर्ष 2011 में कृषि विभाग से जब फर्टिलाइजर बनाने का लाइसेंस लिया, तो उसमें गुण नियंत्रण के लिए जिम्मेदार व्यक्ति की नियुक्ति में ही गड़बड़ी की गई. यह गड़बड़ी इस बात से साबित होती है कि कम्पनी ने वर्ष 2011 से लेकर 2017 के बीच जब फर्टिलाइजर के लाइसेंस के लिए आवेदन किया था, तो उसमें तीन बार दिए गए शपथ पत्र में तीनों बार अलग-अलग नाम और हस्ताक्षर पाए गए. 

कृषि विभाग से सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत प्राप्त दस्तावेजों में साफ है कि कम्पनी ने गुण नियंत्रण के लिए जिस कर्मचारी को नियुक्त बताया है, उसके नाम और एड्रेस में भिन्नता है. साथ ही लाइसेंस रिन्यूअल के दिए गए आवेदनों में तीनों बार गुण नियंत्रण के लिए जिम्मेदार कर्मचारी के नाम और हस्ताक्षर अलग-अलग हैं. इससे न केवल कम्पनी की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं, साथ ही कृषि विभाग के अधिकारियाें की मिलीभगत भी सामने आ रही है. अब इस पूरे मामले में गुण नियंत्रण के लिए जिम्मेदार कर्मचारी ने कम्पनी पर फर्जीवाड़े और धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है.

किस तरह हुआ फर्जीवाड़ा?:
- 17 मई 2011 से लेकर 19 दिसंबर 2016 तक युवक आनंदीलाल के दस्तावेज हुए उपयोग
- कम्पनी राॅयल कैमिकल एंड फर्टिलाइजर्स ने वर्ष 2011 में पहली बार लाइसेंस लिया
- उस समय आनंद लाल कुमावत पुत्र मालूराम कुमावत के नाम से लगाया गया शपथ पत्र
- जबकि युवक का कागजों में नाम है आनंदीलाल कुमावत पुत्र मालीराम कुमावत 
- कागजों में पता दिखाया 85, गणेश नगर, निवारू रोड, झोटवाड़ा
- जबकि आवेदन में युवक के DL में एड्रेस है 4, रिद्धि सिद्धि नगर, हरनाथपुरा, झोटवाड़ा
- कृषि विभाग के अधिकारियों ने नाम और पते में गफलत को नहीं पकड़ा
- और 17 मई 2011 को कम्पनी के नाम जारी कर दिया लाइसेंस
- अक्टूबर 2012 के कम्पनी के जैव उर्वरक के लाइसेंस आवेदन में शपथ पत्र में दूसरा नाम
- यहां आंनदीलाल कुमावत पुत्र मालीराम कुमावत के नाम से किया गया आवेदन
- मई 2014 में रिन्यूअल के समय शपथ पत्र में नाम हुआ आनंदलाल कुमावत पुत्र मालूराम कुमावत
- सितंबर 2016 में जिंक बोरेक्स के आवेदन में शपथ पत्र में नाम लिखा आनंदीलाल कुमावत पुत्र मालीराम कुमावत

कृषि विभाग से कम्पनी रॉयल कैमिकल एंड फर्टिलाइजर्स ने जो लाइसेंस लिया, उसमें बार-बार शपथ पत्र में नाम और हस्ताक्षर बदले गए हैं. लापरवाही की बड़ी बात यह है कि कृषि विभाग के अधिकारियों ने 5 साल तक इस गफलत को नहीं पकड़ा और कम्पनी के नाम से लाइसेंस जारी करते रहे. मामले में युवक आनंदीलाल कुमावत ने अब 14 दिसंबर 2021 को निजी कम्पनी रॉयल कैमिकल एंड फर्टिलाइजर्स के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया है. करधनी थाने में दर्ज कराई गई एफआईआर में युवक ने आरोप लगाया है कि उसने कभी भी कम्पनी के साथ काम नहीं किया है. वर्ष 2011 में एक बार जब कम्पनी ने वैकेंसी निकाली थी, उस समय युवक वहां इंटरव्यू देने गया था. उस दौरान उसके कागजों की फाेटो कॉपी ले ली गई, जिसके जरिए कम्पनी यह फर्जीवाड़ा कर रही है.

कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक ने पकड़ा फर्जीवाड़ा:
- मई 2011 से लेकर दिसंबर 2016 तक कृषि विभाग में गड़बड़ी चलती रही
- सितंबर 2016 में जब कम्पनी ने लाइसेंस रिन्यू के लिए किया आवेदन, तो पकड़ी गड़बड़ी
- संयुक्त निदेशक कृषि (आदान) रामगोपाल शर्मा ने हस्ताक्षर व नाम में गड़बड़ी पकड़ी
- इस आधार पर संयुक्त निदेशक रामगोपाल शर्मा ने लाइसेंस रिन्यू करने से किया इनकार
- रामगोपाल शर्मा ने कम्पनी से इस गड़बड़ी के लिए नोटिस देकर जवाब भी मांगा
- सवाल यह कि पूर्व में लगे अधिकारियों ने आखिर कैसे लापरवाही से जारी किए लाइसेंस ?

5 साल में 29 नमूने हुए फेल:
- रॉयल कैमिकल एंड फर्टिलाइजर्स के 5 साल में 29 नमूने फेल हुए
- वर्ष 2012-13 के दौरान कृषि विभाग ने कम्पनी उत्पादों के 28 नमूने लिए, 4 फेल हुए
- वर्ष 2013-14 में कृषि विभाग ने 27 नमूने लिए, 7 फेल हुए
- वर्ष 2014-15 में कृषि विभाग ने 16 नमूने लिए, 4 फेल हुए
- वर्ष 2015-16 में कृषि विभाग ने 67 नमूने लिए, 7 फेल हुए
- वर्ष 2016-17 में कृषि विभाग ने 53 नमूने लिए, 7 फेल हुए
- इन नमूने फेल के मामलों में गुण नियंत्रण के लिए जिम्मेदार आनंदीलाल कुमावत को माना
- आधा दर्जन से अधिक मामलों में आनंदीलाल पर कोर्ट केस चल रहे

मामले में कृषि विभाग ने पूर्व में गलत तरीके से कम्पनी को लाइसेंस जारी करने वाले अधिकारियों पर न तो कोई जांच बिठाई है और न ही उनके खिलाफ किसी तरह की अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है. वहीं कम्पनी के इस फर्जीवाड़े पर कृषि विभाग ने कम्पनी का लाइसेंस भी रद्द नहीं किया है. देखना होगा कि फर्स्ट इंडिया न्यूज के खुलासे के बाद कृषि विभाग मामले में क्या कार्रवाई करता है.

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