जयपुर: जयपुर जंक्शन साफ-सफाई के मामले में देश का पहला रेलवे स्टेशन रहा है. अब जयपुर शहर के दूसरे प्रमुख स्टेशन गांधीनगर को भी विश्वस्तरीय मानकों के अनुरूप विकसित करने की तैयारी है. रेलवे प्रशासन ने इसका खाका तैयार कर लिया है. जल्द ही स्टेशन का निर्माण कार्य शुरू होगा और यह एक अलग ही स्वरूप में नजर आएगा.
गांधीनगर रेलवे स्टेशन को विश्वस्तरीय स्टेशन बनाने के लिए रेलवे प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है. इसके लिए रेलवे प्रशासन ने 180 करोड़ रुपए लागत का टेंडर जारी कर दिया है. गांधीनगर स्टेशन को उत्तर-पश्चिम रेलवे के पुनर्विकास के लिए चिन्हित स्टेशनों में शामिल किया गया है. इसके तहत गांधीनगर स्टेशन पर दो नई बिल्डिंग्स का निर्माण किया जाएगा. बजाज नगर की तरफ वाले मुख्य प्रवेश द्वार की इमारत तीन मंजिला बनेगी, जबकि टोंक रोड वाले हिस्से की बिल्डिंग दो मंजिला बनेगी. मुख्य प्रवेश स्टेशन भवन में डिपार्चर लॉबी, बैगेज स्कैनर के साथ सुरक्षा जांच क्षेत्र, यात्रियों के लिए सहायता डेस्क, शौचालय, आरपीएफ कक्ष, हैड टीसी कक्ष आदि विभिन्न सुविधाएं होंगी. प्लेटफार्म संख्या 1 पर अनरिजर्व्ड टिकट लेने वाले यात्रियों के लिए वेटिंग हॉल, एग्जीक्यूटिव वेटिंग हॉल, शिशु आहार कक्ष, अलग-अलग तरह की दुकानें लगी होंगी.
इस तरह की होगी मुख्य बिल्डिंग
- बजाज नगर की तरफ वाले मुख्य प्रवेश भवन का मेजेनाइन फर्श बनाया जाएगा
- ग्राउंड फ्लोर पर विभिन्न रेलवे कार्यालय और दूसरी मंजिल पर एक्सेस कंट्रोल रहेगा
- दूसरी मंजिल पर मेटल डिटेक्टर सिस्टम, बैगेज स्कैनर सिस्टम, एक्स्ट्रा वेटिंग रूम...
- ...दुकानें, मॉड्यूलर शौचालय, सीढ़ियां, लिफ्ट, एस्केलेटर आदि लगेंगे
- दूसरी मंजिल तक आसान पहुंच के लिए सीढ़ियां, एस्केलेटर और लिफ्ट लगेंगे
- 2 मंजिला बेसमेंट भी बनेगा, जहां कार व बाइक के लिए पर्याप्त पार्किंग रहेगी
- टोंक रोड साइड की बिल्डिंग 2 मंजिला होगी, यहां टिकट काउंटर व हॉल बनेगा
- यहां बुकिंग कार्यालय, बैगेज स्कैनर के साथ सुरक्षा जांच, प्रस्थान हॉल आदि क्षेत्र बनेंगे
- प्लेटफार्म 2 पर अनरिजर्व्ड वेटिंग हॉल, शौचालय, शिशु आहार कक्ष, आरपीएफ थाना बनेंगे
मौजूदा फुट ओवरब्रिज का उपयोग यात्रियों द्वारा स्टेशन पहुंचने के लिए किया जाएगा. फुट ओवरब्रिज को सीधे आगमन हॉल में खोला जाएगा, जहां से यात्री भवन से बाहर निकलेगा. गांधीनगर स्टेशन पर प्रदेश का पहला एयर कॉनकोर्स भी बनाया जाएगा. यह एयर कॉनकोर्स दोनों इमारतों को प्लेटफार्मों के ऊपर से जोड़ते हुए रेलवे लाइनों के ऊपर बनाया जाएगा. अभी तक प्रदेश के रेलवे स्टेशनों पर एयर कॉनकोर्स का कन्सेप्ट नहीं रहा है.
एयर कॉनकोर्स से यह होंगे फायदे
- यात्रियों के लिए यहां पर्याप्त सीट क्षमता वाला वेटिंग एरिया होगा
- लिफ्ट और सीढ़ियों से यात्री यहां से प्लेटफार्म पर आ-जा सकेंगे
- इससे स्टेशन के भीतरी हिस्से का सुंदर दृश्य दिखाई देगा
- यहां एसी आरक्षित और वीआईपी हॉल, क्लॉक रूम, बेबी केयर रूम, शौचालय
-...दुकानें, फूड कोर्ट सहित कई तरह की वाणिज्यिक गतिविधियां होंगी संचालित
- दोनों प्लेटफार्मों पर छत के माध्यम से एयर कॉनकोर्स को कवर किया जाएगा
- यात्रियों को हवेली जैसा अहसास कराने के लिए ट्रिपल हाइट पिच रूम बनाई जाएगी
- छत एल्युमिनियम की होगी, इसके काॅलम में क्लैडिंग, मेहराब आदि होंगे
गांधीनगर स्टेशन को गुलाबी नगरी का स्वरूप देने का भी प्रयास किया जाएगा. इसके तहत यहां जाली कार्य, मेहराब, गुंबद, छतरी, झरोखा, बारादरी, अलंकरण, पत्थर का काम किया जाएगा. ऊर्जा खपत में कमी के लिए यहां ग्रीन बिल्डिंग सुविधाएं विकसित होंगी. इसकी बिल्डिंग नेट जीरो एनर्जी आधारित होगी. कुलमिलाकर आने वाले 2 साल में न केवल गांधीनगर स्टेशन का स्वरूप बदल जाएगा, यहां से यात्रा करने वाले यात्रियों को भी बेहतर सुविधाओं का अहसास होगा.