जयपुर: दौसा के लालसोट में डॉक्टर की सुसाइड के बाद राज्य सरकार ने बड़ा फैसला किया हैं. अब बिना पुलिस अधीक्षक की अनुमति के डॉक्टर गिरफ्तार नहीं हो सकेंगे. घोर चिकित्सीय उपेक्षा के प्रकरणों में SHO डॉक्टर को गिरफ्तार नहीं कर सकेंगे. बिना SP की अनुमति के डॉक्टर की गिरफ्तारी नहीं कर सकेंगे.
SP उस स्थिति में ही देंगे गिरफ्तारी के आदेश जब डॉक्टर जांच में सहयोग नहीं कर रहा होगा. डॉक्टरों पर आपराधिक मामले दर्ज करने को लेकर राज्य सरकार ने SOP जारी की. किसी चिकित्सक या चिकित्सा कर्मी के खिलाफ इलाज में लापरवाही की शिकायत मिलने पर एंट्री करनी होगी.
रोजनामचे में एंट्री करना आवश्यक होगा. अगर सूचना या परिवाद चिकित्सीय उपेक्षा के कारण मृत्यु का है तो मामला दर्ज हो सकेगा. 1973 की धारा 174 के तहत मामला दर्ज हो सकेगा. ऐसी स्थिति में पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी करवाना आवश्यक होगा.