नए विशाखापत्तनम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण के लिए रास्ता साफ

अमरावती: बरसों से लंबित विशाखापत्तनम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा परियोजना पर काम शुरू करने के लिए अब रास्ता साफ हो गया है. आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने पिछले हफ्ते आखिरकार भूमि अधिग्रहण के खिलाफ किसानों की याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिससे परियोजना के मार्ग की सभी बाधाएं दूर हो गई हैं.

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि नरेंद्र मोदी 12 नवंबर को विशाखापत्तनम की अपनी यात्रा के दौरान नए हवाई अड्डे के निर्माण की आधारशिला रखें. हालांकि आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पीएमओ ने इसे मोदी के यात्रा कार्यक्रम में शामिल नहीं किया है.

परियोजना पर काम आठ वर्षों में शुरू नहीं हुआ:
विशाखापत्तनम से 40 किलोमीटर उत्तर पूर्व में भोगापुरम में सार्वजनिक-निजी भागीदारी मोड में नए अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का विकास की परिकल्पना पहली बार वर्ष 2014 में की गई थी. राज्य के विभाजन के बाद शहर में मौजूद एक हवाई अड्डा भारतीय नौसेना के स्वामित्व में है. विभिन्न कारणों से परियोजना पर काम आठ वर्षों में शुरू नहीं हुआ.

विमानन शिक्षा और प्रशिक्षण सुविधाएं शामिल:
मूल योजना भव्य थी क्योंकि राज्य सरकार एक एरोट्रोपोलिस का निर्माण करना चाहती थी जिसमें विमानन से जुड़ी विनिर्माण इकाइयां, विमान रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (एमआरओ) सुविधा, अनुसंधान और विकास केंद्र और परीक्षण प्रयोगशालाएं, बहु-मोडल रसद, प्रदर्शनी और सम्मेलन केंद्र, अवकाश और मनोरंजन सुविधाएं, विमानन शिक्षा और प्रशिक्षण सुविधाएं शामिल हैं.

हवाई अड्डे का विकास भी शामिल है:
इस योजना में एक रनवे, समानांतर टैक्सीवे और दुनिया के सबसे बड़े विमानों की सर्विसिंग में सक्षम अन्य बुनियादी ढांचे’’ के साथ हवाई अड्डे का विकास भी शामिल है.
पिछली तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के नेतृत्व वाली सरकार ने हवाई अड्डे के विकास के लिए भोगापुरम क्षेत्र में 2,700 एकड़ से अधिक भूमि का अधिग्रहण करने की प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन इस बीच इन वर्षों में 50 एकड़ के भूखंड को लेकर परियोजना मुकदमेबाजी में फंस गई, जहां रनवे बनना था. सोर्स-भाषा