Jodhpur: समाज सेवा के लिए सदैव तत्पर रहने वाले हनुमान चौधरी ने की शिक्षा के क्षेत्र में सराहनीय पहल

नागौर: आज के दौर में लोक उपकार की भावना में कमी आती जा रही है. लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जो अपनी जरूरतों को कम कर दूसरों के हितों के लिए काम कर रहे हैं. आज हम ऐसे ही एक समाज सेवी के बारे में चर्चा कर रहे हैं जो कि समाज हित के लिए हमेशा तत्पर रहता है. हम बात कर रहे हैं डीडवाना के डिकावा गांव में जन्मे हनुमान चौधरी के बारे में, जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में आवश्यक सुधार की पहल की. हनुमान चौधरी आजादी के बाद ग्राम डिकावा से पहले निर्वाचित सरपंच भी बनें.  

 

उन्होंने 2017 में मौलासर क्षेत्र में बुनियादी शैक्षणिक सुविधाओं को मुहैया कराने हेतु मौलासर (डीडवाना ) में पहला CBSE सेवन स्टार कान्वेंट स्कूल (bachpan & Seven Star Convent  school ) की शुरुआत की. साथ ही ने उच्च शिक्षा के महत्त्व और जरुरत को समझते हुए विवेकानंद महाविद्यालय की भी स्थापना की. हनुमान चौधरी ने सरकारी विद्यालय के निर्माण के लिए ग्राम डिकावा में 2 बीघा जमीन भी दान दी. उनके इन प्रयासों के कारण क्षेत्र के शैक्षणिक स्तर में सुधार आया है. 

क्षेत्र की जनसमस्याओं का निवारण किया:
हनुमान चौधरी ने कोरोना काल में भी लोगों की काफी मदद कर हर जरूरतमंद तक भोजन सामग्री पहुंचे का सराहनीय काम किया. इसके अलावा उन्होंने गौशाला निर्माण के लिए पूरे क्षेत्र में सबसे बड़े कार्यक्रम का आयोजन कर 75 लाख की अभूतपूर्व राशि एकत्रित की. उन्होंने खिलाडियों को प्रोत्साहन देने के लिए काफी सराहनीय काम किया. हनुमान चौधरी सामाजिक सरोकार की भावना के कारण राजनीति से जुड़े और जनता के बीच काफी लोकप्रिय होने के फलस्वरुप वर्ष 2020 में ग्राम पंचायत बरांगना के सरपंच भी बने. बतौर सरपंच उन्होंने क्षेत्र की जनसमस्याओं का निवारण किया. 

हनुमान चौधरी सामान्य जनता की चुनौतियों से भली-भाँति परिचित:
उनके विशेष उल्लेखनीय कार्य में से "मै भी बाल सरपंच" कार्यक्रम का आयोजन था जो राज्य भर में इस प्रकार का पहला आयोजन था. साधारण पृष्ठभूमि से संबंधित में होने के कारण हनुमान चौधरी सामान्य जनता की चुनौतियों से भली-भाँति परिचित हैं, हनुमान चौधरी जी का चयन भारतीय सेना में भी हुआ परंतु उन्होंने समाज सेवक बनना अधिक उचित समझा.