नई दिल्ली उच्च न्यायालय ने लोगों से की अपील, क्रिसमस और नए साल के मौके पर भीड़-भाड़ से बचें

उच्च न्यायालय ने लोगों से की अपील, क्रिसमस और नए साल के मौके पर भीड़-भाड़ से बचें

उच्च न्यायालय ने लोगों से की अपील, क्रिसमस और नए साल के मौके पर भीड़-भाड़ से बचें

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को लोगों से अपील की कि कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए संयम बरतें और भीड़-भाड़ से बचें. अदालत ने क्रिसमस और नये साल के मौके पर धार्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति देने के दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के फैसले को संज्ञान में लिया. राष्ट्रीय राजधानी में क्रिसमस से पहले धार्मिक आयोजनों पर ‘आकस्मिक’ रोक को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि डीडीएमए द्वारा 23 दिसंबर को जारी स्पष्टीकरण से साफ है कि प्रार्थनाओं और आयोजनों के लिए धार्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति इस आधार पर दी गयी है कि सहभागी कोविड अनुकूल व्यवहार का पालन करेंगे.

पीठ में न्यायमूर्ति जसमीत सिंह भी शामिल थे. पीठ ने कहा कि डीडीएमए के फैसले के मद्देनजर याचिकाकर्ता संतुष्ट हैं और उन्हें आगे कोई शिकायत नहीं है. अदालत ने कहा कि स्पष्ट है कि मंदिर, मस्जिद, चर्च और गुरद्वारे आदि श्रद्धालुओं के लिए प्रार्थना, पूजा, उत्सव के लिए खुले हैं, बशर्ते समय-समय पर ऐसे स्थानों के लिए जारी मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का कड़ाई से पालन करना होगा और मास्क पहनने, सामाजिक दूरी बनाकर रखने, नियमित हाथ धोने तथा सैनेटाइजरों का उपयोग करने आदि कोविड अनुकूल व्यवहार का पालन करना होगा.

अदालत ने कहा कि हम लोगों से अपील करते हैं कि कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या को देखते हुए बड़े स्तर पर एकत्रित होने से बचें और संयम बरतें. याचिकाकर्ता एक ईसाई वरिष्ठ नागरिक थे जिन्होंने दलील दी थी कि धार्मिक समागमों पर पूरी तरह रोक किसी नागरिक के अपने धर्म का पालन करने के अधिकार पर हमला है. (भाषा)

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