भरतपुर। भरतपुर में आज आर्मी और ग्रामीणों के बीच उस समय विवाद बढ़ गया जब आर्मी अधिकारी अपनी जमीन की चारदीवारी बनाने का काम शुरू कर रहे थे जिससे वहां से गुजरने वाला कई गांव का रास्ता भी बंद हो गया था।
रास्ता बंद होने से नाराज ग्रामीण मौके पर इकट्ठे हो गए और जेसीवी मशीन के सामने धरना देकर बैठ गए। इससे आर्मी और ग्रामीणों के बीच विवाद की स्थिति बनी हुई है। जिसके बाद आर्मी अधिकारीयों ने पुलिस महानिरीक्षक आलोक वशिष्ठ से पुलिस की मदद मांगी जिसके बाद सेवर थाना पुलिस मौके पर पहुंची।
दरअसल सेवर थाना क्षेत्र में अखड्ड के पास आर्मी की कई बीघा जमीन स्थित है और आर्मी अपनी इस भूमि की बाउंड्री करने का काम शुरू कर रही है लेकिन यदि यह बाउंड्री बनी तो इससे कई गांवों का रास्ता बंद हो जायेगा। जिससे ग्रामीणों के सामने संकट खड़ा हो जायेगा।
आर्मी ने जेसीवी मशीन लगाकर व् पत्थर लाकर बाउंड्री बनाने का जैसा ही काम शुरू किया तो रास्ता बंद होने से नाराज महिला,बच्चे और पुरुषों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया और वहां धरना देकर बैठा गए है दूसरी तरफ पुलिस के अधिकारी आर्मी व् ग्रामीणों को समझाने के प्रयास में लगी हुई है।
ग्रामीणों के अनुसार कई गांव के लोगों का यहां होकर रास्ता है जहां से वे पुराने समय से निकल रहे है लेकिन आर्मी द्वारा इस रास्ते को यदि बंद कर दिया गया तो ग्रामीण कहा होकर निकलेंगे उनके सामने एक बड़ा संकट खड़ा हो जायेगा।
39 फील्ड एम्युनिशन डिपो के कमांडेंट अंशुमान श्रीवास्तव ने बताया की भरतपुर स्टेट टाइम में यह जमीन आर्मी के लिए आवंटित की गयी थी लेकिन अब आर्मी के लिए एंटी टेररिस्ट मॉक ड्रिल करने के लिए जमीन की कमी है। इसलिए आर्मी ने फैसला लिया है की वह अपनी जमीन की चारदीवारी करवाकर अपनी जमीन को अधिग्रहण करेगी जिससे यहाँ मॉक ड्रिल की जा सकेगी। गांव वालों के निकलने के लिए आर्मी ने अलग से रास्ता बनवाकर दे दिया है लेकिन फिर भी ग्रामीणों का विरोध गलत है।
इस जमीन और रास्ते पर कोर्ट में किसी भी तरह का स्टे नहीं है इसलिए हमने प्रशासनिक अधिकारियो को लेटर लिखकर मौके पर पुलिस व्यवस्था उपलब्ध कराने की भी मांग की है जिससे चारदीवारी बनाने में कोई अड़चन नहीं हो। फिलहाल पुलिस और आर्मी अधिकारी लोगों को समझाने का प्रयास कर रहे है लेकिन अभी तक किसी भी प्रकार का हल नहीं निकल सका है।