VIDEO : बिजली के ट्रांसफॉर्मर्स की बढ़ रही मांग, बड़ी टेस्टिंग लैब की स्थापना की तैयारी, देखिए ये खास रिपोर्ट 

जयपुर: उद्योग की भारी मांग के मद्देनजर अब बिजली के ट्रांसफॉर्मर्स की मांग बढ़ रही है. जयपुर में इसका मुख्य केन्द्र बनने की संभावना के मद्देनजर यहां VKI औद्योगिक क्षेत्र में इस तरह की बड़ी टेस्टिंग लैब की स्थापना की तैयारी है. भारत सरकार के सक्रिय सहयोग से बनने वाली इस लैब के इस प्रोजेक्ट को लेकर उच्चस्तरीय मंत्रणा पूरी हो चुकी है. 

बड़ी संख्या में बनने वाले बिजली के ट्रांसफॉर्मर्स की टेस्टिंग के लिए अभी बड़ोदा या भोपाल जाना पड़ता है. परिवहन में बहुत ज्यादा खर्चा होने और उद्योग की इस जरूरत को पूरा करने का काम केन्द्रीय उपभोक्ता मामलात विभाग ने हाथ में लिया है. इस प्रोजेक्ट के तहत जयपुर के VKI क्षेत्र में बिजली के तार, रोड़ी, बजरी, ट्रांसफॉर्मर की टेस्टिंग लैब स्थापित की जानी है. 

क्या है प्रोजेक्ट ?
-जो लाइसेंसी ट्रांसफॉर्मर निर्माता है उन्हें टेस्टिंग की सुविधा देने के लिए होगी जयपुर में लैब.

146 करोड का है प्रोजेक्ट:
-यहां के उत्पादक एडा बडोदा या भोपाल टेस्टिंग के लिए जाना पड़ता है
-यहीं टेस्टिंग लैब होने से उन्हें बाहर नहीं जाना पड़ेगा
-मैन्यूफेक्चरिंग एसोसिएशन के ट्रांसफॉर्मर बनाने वालों को मिलेगा फायदा 
-भारत सरकार के गतिशक्ति प्रोजेक्ट के तहत परिवहन का बचेगा खर्चा 
-1 ट्रांसफॉर्मर को भोपाल या बड़ोदा ले जाने में 25000 का होता है हर बार खर्चा
-साथ ही वहां टेस्टिंग के लिए 1 बार छोड़कर आना पड़ेगा और लेने जाना पड़ेगा
-वहीं इन जगहों पर टेस्टिंग का 3 माह का है वेटिंग पीरियड
-उन टेस्टिंग लैब्स पर बहुत होता है भार
-ऐसे में जयपुर में टेस्टिंग लैब से हरियाणा,जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश जैसे उत्तर भारत के राज्यों को भी मिलेगा फायदा
-उद्यमियों को जल्दी ट्रांसफॉर्मर बिकने का होगा फायदा
-साथ ही इन ट्रांसफॉर्मर की गुणवत्ता भी होगी
- केन्द्रीय उपभोक्ता मामलात विभाग की निकाय है जिसके साथ सहयोग और सहभागिता में होगी यह परियोजना

इस लैब में 5 दिन में टेस्टिंग पूरी हो जाएगी जिससे लाइसेंसी उद्यमियों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा और सरकार को राजस्व का लाभ भी होगा.