नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को कहा कि कई क्षेत्रों में भारत के नेतृत्व को अब चुनौती नहीं दी जा सकती और देश ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अग्रणी देश के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है. भारतीय विदेश सेवा (2021 बैच) के प्रशिक्षु अधिकारियों के समूह को राष्ट्रपति भवन में संबोधित करते हुए मुर्मू ने कहा कि भारत की मजबूत स्थिति अन्य कारकों के साथ उसके आर्थिक प्रदर्शन पर आधारित है.
राष्ट्रपति ने कहा कि दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं अभी भी महामारी के प्रभावों से उबरने का प्रयास कर रही हैं, वहीं भारत एक बार फिर उठ खड़ा हुआ है और आगे बढ़ने लगा है. उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप भारतीय अर्थव्यवस्था सबसे तेज गति से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में उभरी है . उन्होंने कहा, ‘‘ वास्तव में वैश्विक आर्थिक स्थिति का पटरी पर लौटना एक हद तक भारत पर निर्भर हो गया है. राष्ट्रपति ने कहा कि कई वैश्विक मंचों पर भारत ने निर्णायक हस्तक्षेप किया है. कई क्षेत्रों में भारत के नेतृत्व को अब चुनौती नहीं दी जा सकती है. भारत अब आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अग्रणी राष्ट्र के रूप में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. मुर्मू ने प्रशिक्षु अधिकारियों से कहा कि उनका अनुभव अधिक रोमांचक होने वाला है, क्योंकि वे ऐसे समय में विदेश सेवा में अपना करियर शुरू कर रहे हैं, जब भारत एक नए आत्मविश्वास के साथ वैश्विक मंच पर उभरा है. उन्होंने कहा कि विश्व भी भारत को नए सम्मान की नजर से देख रहा है ऐसा इसलिये क्योंकि हालिया वर्षों में हमारे द्विपक्षीय और बहुपक्षीय संबंधों में नई पहल हुई हैं तथा कई वैश्विक मंचों पर भारत ने निर्णायक हस्तक्षेप किया है.
राष्ट्रपति ने कहा कि दुनिया भी भारत की ओर देख रही है, वास्तव में, वैश्विक आर्थिक सुधार एक सीमा तक भारत पर टिका हुआ है. उन्होंने कहा कि वैश्विक मंच पर भारत के खड़े होने का दूसरा कारण उसका लोक व्यवहार है तथा विश्व के बाकी हिस्सों के साथ हमारे संबंध सदियों पुराने मूल्यों से संचालित होते हैं. मुर्मू ने कहा कि कई मोर्चों पर हो रहे बदलाव बड़े अवसरों के साथ-साथ बड़ी चुनौतियां भी पेश करते हैं. उदाहरण के लिए, नई प्रौद्योगिकियां बेहतर स्वास्थ्य सेवा की उम्मीद देती हैं, लेकिन वे मौजूदा व्यावसायिक अभ्यासों के समक्ष खतरा भी पैदा करती हैं. उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी नए खतरों के साथ सुरक्षा प्रतिमान को भी फिर से स्थापित करती है और एक राष्ट्र के रूप में हमारे पास अपने विकल्पों को फिर से स्थापित करने का अवसर है. सोर्स- भाषा