VIDEO: राजस्थान को हरा-भरा बनाएगी जायका, प्रोजेक्ट की 1800 करोड़ से अधिक की लागत, देखिए, ये खास रिपोर्ट

जयपुर: राजस्थान के 19 जिलों को हरा भरा बनाने में अब जापान की एजेंसी जायका अहम भूमिका निभाएगी. जायका द्वारा 1800 करोड़ से अधिक की राजस्थान वन रोपण और जैव विविधता संरक्षण परियोजना शुरू की जा रही है. परियोजना के तहत वर्ष 2023-24 से 2030-31 की 8 वर्ष की अवधि में 10 मरुस्थलीय और 9 गैर मरुस्थलीय जिलों में वन रोपण व जैव विविधता के कार्य करवाए जाएंगे. 

प्रोजेक्ट का नाम                                 RABCP 
फंडिंग एजंसी                                    JICA 'जायका'
कुल जिले                                         19 जिले
मरुस्थलीय जिले                                 बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर, चूरू, जालौर
                                                       झुंझुनू, जोधपुर, नागौर, पाली, सीकर
गैर मरुस्थलीय जिले                            अजमेर, बांसवाड़ा, चित्तोड़, डूंगरपुर, जयपुर
                                                       प्रतापगढ़, सिरोही, राजसमंद, उदयपुर
कुल गांव                                           600
परियोजना अवधि                               2023-24 से 2030-31
लागत                                              1803.42 करोड़ 80 फीसदी
राज्य का हिस्सा                                  235.23 करोड़ राज्य का हिस्सा 20 प्रतिशत


जापान की एजेंसी 'जायका' के सीनियर एडवाइजर हिरोशी नकाता के नेतृत्व में इन दिनों एक टीम प्रदेश के दौरे पर है. टीम ने जयपुर किशन बाग डेज़र्ट पार्क, चंदवाजी, गुणावता प्लांटेशन कार्य और नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क का दौरा किया. इसके बाद प्रमुख सचिव शिखर अग्रवाल, पीसीसीएफ प्रशासन अरिजीत बनर्जी व अन्य अधिकारियों से मुलाकात भी की. इसके बाद यह टीम जोधपुर, जैसलमेर और बीकानेर के दौरे पर है. 21 अक्टूबर को इस टीम की जयपुर में अहम बैठक होगी जिसमें पीसीसीएफ हॉफ डॉ डीएन पाण्डेय व अन्य अधिकारी मौजूद रहेंगे.

दरअसल जायका प्रदेश के 19  जिलों और उनके 600  गांवों में आठ वर्ष के लिए 1800 करोड़ से अधिक का 'राजस्थान वन रोपण और जैव विविधता संरक्षण प्रोजेक्ट' शुरू कर रही है. प्रोजेक्ट में 10 डेजर्ट जिले बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर, चूरू, जालौर, झुंझुनू, जोधपुर, नागौर, पाली, सीकर और 9 गैर मरुस्थलीय जिलों अजमेर, बांसवाड़ा, चित्तोड़, डूंगरपुर, जयपुर, प्रतापगढ़, सिरोही, राजसमंद, उदयपुर को शामिल किया गया है. प्रोजेक्ट में जापान की जायका द्वारा 1803 करोड़ और राज्य सरकार अपने हिस्से यानी 235 करोड़ खर्च करेगी. प्रोजेक्ट के तहत चयनित जिलों में सघन वृक्षारोपण और जैव विविधता के कार्य किए जाएंगे.

जायका की टीम ने जोधपुर में आफरी और काजरी के अधिकारियों के साथ बैठक कर उन्नत कृषि और पैदावार बढ़ाने को किए गए प्रयासों की भी जानकारी ली. अब जैसलमेर गोड़ावण संरक्षण और इसके बाद नहरी क्षेत्र में वन रोपण को लेकर भी टीम अध्ययन करेगी. इस प्रोजेक्ट को लेकर पीसीसीएफ प्रशासन अरिजीत बनर्जी का कहना है कि जायका द्वारा प्रोजेक्ट के तहत मरुस्थल विस्तार को रोकने, वन क्षेत्र विस्तार के तहत सघन वृक्षारोपण, वन संरक्षण जैसे अहम कार्य किए जाएंगे. पीसीसीएफ हॉफ डॉ डीएन पाण्डेय का कहना है कि यह परियोतजना मील का पत्थर साबित होगी. प्रोजेक्ट अवधि में जो कार्य होंगे उससे पर्यावरण सुधरेगा, वनों का विकास होगा और कार्बन उत्सर्जन को भी नियंत्रित किया जा सकेगा. उम्मीद की जा रही है कि चयनित जिलों में इस प्रोजेक्ट के तहत पर्यावरणीय काया पलट अन्य राज्यों के लिस भी नज़ीर बनेगी.