Lumpy Virus: गौ सेवा से दूर माननीय! CM गहलोत ने की थी विधायकों से राशि देने की अपील

जयपुर: राजस्थान सियासत के एक अलग खेल में फंसा हुआ है. सत्ताधारी पार्टी के विधायकों के 2 गुटों में आपसी खींचतान जारी है. इस बीच गौ माता की चीत्कार सुनने का ध्यान अब किसी को नहीं है. प्रदेश में अब भी लंपी बीमारी (Lumpy Skin Disease) से रोज करीब 1 हजार गायों की मौत हो रही है. बड़ी बात यह है कि विधायक अपनी स्थानीय विकास निधि से भी फंड देने में हाथ खींच रहे हैं.

गायों के इलाज के लिए दवाईयां और अन्य जरूरी संसाधनों की उपलब्धता के लिए विधायकों के फंड से राशि खर्च करने की स्वीकृति मिल चुकी है. अब इस फंड से जिला परिषदों के मार्फत से एनिमल एम्बुलेंस भी खरीदी जा सकेगी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी प्रदेश के सभी विधायकों को और खासतौर पर कांग्रेस के सभी विधायकों को उनके कोष से सहयोग देने के लिए अपील कर चुके हैं. लेकिन प्रदेश में बड़ी संख्या में अभी ऐसे माननीय है जो विधायक कोष से राशि देने में हाथ पीछे खींच रहे हैं. मुख्यमंत्री गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने विधायकों से स्थानीय विकास निधि से 10 लाख रुपए गायों के लिए देने की अपील की थी.

इस तरह यदि प्रदेश के सभी 200 विधायक सहयोग राशि देने की स्वीकृति देते तो इस कोष में अब तक 20 करोड़ राशि जमा हो सकती थी. लेकिन पशुपालन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक अभी तक केवल 11.98 करोड़ रुपए की राशि ही एकत्रित हो सकी है. विभाग के 23 सितंबर तक के अपडेटेड आंकड़ों के मुताबिक अभी भी 63 विधायक ऐसे हैं जिन्होंने एमएलए लेड फंड से गायों के उपचार के लिए कोई राशि नहीं दी है. बड़ी बात यह है कि फंड देने वालों में खुद गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया भी शामिल नहीं है. वहीं शिव विधायक अमीन खान को छोड़ दें तो लगभग सभी मुस्लिम विधायकों ने भी फंड से राशि के लिए स्वीकृति नहीं दी है.

इन विधायकों ने नहीं दी एमएलए लेड से राशि: 
- अलवर से विधायक सफिया जुबेर, कांति प्रसाद, बाबूलाल ने नहीं दी राशि
- बारां के विधायक और गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने नहीं दी राशि
- बारां से विधायक पानाचंद मेघवाल, प्रताप सिंह, निर्मला सहरिया ने भी नहीं दी
- भरतपुर से विधायक अमर सिंह, जाहिदा खान, वाजिब अली, जोगिन्दर सिंह अवाना
- भीलवाड़ा से जब्बर सिंह सांखला, विट्ठल शंकर अवस्थी, गोपीचंद मीणा
- रामलाल जाट, गोपाल लाल शर्मा, गायत्री देवी त्रिवेदी ने नहीं दी राशि
- बीकानेर से सिद्धि कुमारी, बीडी कल्ला, गिरधारीलाल, गोविंदराम ने नहीं दी राशि
- चित्तौड़गढ़ से ललित कुमार ओसवाल, राजेन्द्र सिंह बिधूड़ी, उदयलाल आंजना ने नहीं दी
- धौलपुर से गिर्राज मलिंगा, खिलाड़ीलाल बैरवा, शोभारानी कुशवाह ने नहीं दी राशि
- डूंगरपुर से रामप्रसाद, हनुमानगढ़ से विनोद कुमार, जयपुर से रफीक खान
- प्रताप सिंह खाचरियावास, महेश जोशी, अमीन कागजी, कालीचरण सराफ
- नरपत सिंह राजवी, इन्द्राज सिंह गुर्जर ने नहीं दी राशि
- जैसलमेर से साले मोहम्मद, झालावाड़ से वसुंधरा राजे, कालूराम
- नरेन्द्र नागर और गोविन्द प्रसाद ने नहीं दी राशि
- झुंझुनूं से जितेन्द्र सिंह, रीटा चौधरी, सुभाष पूनिया, राजेन्द्र गुढ़ा ने नहीं दी राशि
- जोधपुर से दिव्या मदेरणा, अशोक गहलोत ने नहीं दी राशि
- करौली से रमेशचंद मीणा, कोटा से शांति धारीवाल, संदीप शर्मा
- कल्पना देवी, रामनारायण मीना, मदन दिलावर, भरत सिंह कुंदनपुर ने नहीं दी राशि
- नागौर से चेतन चौधरी, रूपा राम, इन्दिरा देवी ने नहीं दी राशि
- पाली से पुष्पेन्द्र सिंह, प्रतापगढ़ से नागराज, सवाईमाधोपुर से रामकेश
- सीकर के श्रीमाधोपुर से दीपेन्द्र सिंह ने नहीं दी राशि 

इन विधायकों ने अपील से आगे बढ़कर दी मदद:
- मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने 20 लाख, अशोक चांदना ने दिए 20 लाख
- नोखा विधायक बिहारीलाल और अनूपगढ़ विधायक संतोष ने दिए 20-20 लाख

विधायकों द्वारा विधायक स्थानीय विकास निधि यानी एमएलए लेड की स्वीकृति की अनुशंषा जिला कलेक्टर को करनी होती है. इसके बाद जिला परिषद के माध्यम से इस राशि को पशुपालन विभाग के गायों के बचाने के अभियान में खर्च किया जा सकता है. ऐसा नहीं है कि केवल विधायक ही राशि देने में पीछे हैं सांसद और भी कंजूसी दिखा रहे हैं. प्रदेश के 25 सांसदों में से केवल 5 ने ही सांसद विकास निधि से राशि खर्च करने की कलेक्टरों को अनुशंषा की है. प्रदेश में सभी 25 सांसद भाजपा के है और भाजपा के एजेंडे में गायों को प्राथमिकता पर रखा जाता है. लेकिन इसके बावजूद भी प्रदेश के सांसद सहयोग राशि देने में कंजूसी दिखा रहे हैं.

25 में से 5 सांसदों ने ही दी सहायता राशि:
- जालौर सांसद देवजी पटेल 25 लाख सहायता राशि देकर सबसे आगे
- इनके अलावा भीलवाड़ा सांसद सुभाष बहेड़िया, अलवर सांसद बालकनाथ
- राजसमंद सांसद दीया कुमारी और अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी ने दी राशि
- अन्य 20 सांसदों ने नहीं दी गौ फंड के लिए राशि