नई दिल्ली। इस बार 10 फरवरी के दिन पूरे भारत में बसंत पंचमी मनाई जाएगी। बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है। मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था। इसी वजह से शिक्षा की देवी मानी जाने वाली मां सरस्वती की स्कूलों और शिक्षा संस्थानों में खास पूजा की जाती है, उनकी वंदना की जाती है। इस बार शनिवार 9 फरवरी को दिन में 8 बजकर 55 मिनट से पंचमी लग रही है, जो रविवार 10 फरवरी को दिन 9 बजकर 59 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि ग्राह्य होने से 10 फरवरी को ही बसंत पंचमी मनाई जाएगी।
गौरतलब है कि माघ शुक्ल पंचमी को 'बसन्त पंचमी' के नाम से जाना जाता है। बसन्त पंचमी को श्रीपंचमी भी कहते हैं। ब्रज में बसंत पंचमी के दिन से रंगों-उमंगों का त्यौहार रंगोत्सव शुरू हो जाता है। मथुरा में मौजूद बांकेबिहारी के मंदिरों में गुलाल से होली खेलने का उत्सव शुरू हो जाता है। बसंत पंचमी के दिन बंगाल में बूंदी के लड्डू और मीठा भात चढ़ाया जाता है। बिहार में मालपुआ, खीर और बूंदिया और पंजाब में मक्के की रोटी के साथ सरसों साग और मीठा चावल चढ़ाया जाता है।
बता दें कि साल 2019 में कुंभ होने के कारण बसंत पंचमी के दिन शाही स्नान का आयोजन होगा। इस स्नान में करोड़ों की संख्या में भक्त संगम में डुबकी लगाने आएंगे।
पूजा का मुहूर्त
स्थिर लग्न में पूजा करना लाभप्रद होता है, जो दिन में 6:39 से 8:10 बजे तक है। वहीं वृष स्थिर लग्न दिन में 11:15 से दोपहर 1:11 बजे तक है। सिंह लग्न रात्रि 5:43 से 8:06 बजे तक विद्यमान रहेगा।