VIDEO: कोटा की नेचुरल ऑक्सीजन फैक्ट्री, 100 करोड़ में बनकर तैयार हुआ ये अद्भुत पार्क

कोटा (भंवर एस चारण): एक ऐसा अद्भुत पार्क, जिसके बारे में दावा किया जा रहा हैं कि ऐसा पार्क आज से पहले देश ही नहीं बल्कि दुनिया में कहीं बना ही नहीं हैं.इस पार्क में ऐसे कुछ मौलिक प्रयोग किए गए हैं, जिन्होंने कोचिंग सिटी कोटा को विश्व की टॉप पॉर्क डेस्टिनेशन में एक नये ही मुकाम पर ला खङा कर दिया हैं. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के गृहनगर में उनके विजन से 100 करोड़ के मोटे बजट से करीब-करीब विकसित हो चुके इस पार्क का नाम हैं-सिटीपॉर्क ऑक्सीजोन और आज फर्स्ट इंडिया आपको प्री-ओपनिंग पर इसी पॉर्क की रोचक-रोमांचक सैर पर लेकर चल रहा हैं. क्योंकि आम जनता को ऑक्सीजन के खजाने कहे जा रहे इस अजूबे की सैर करने के लिये अभी नये साल के पहले आने वाले कुछ माह तक का इन्तजार करना होगा. 

कोटा में ऑक्सीजन फैक्ट्री कहे जा रहे सिटीपॉर्क ऑक्सीजोन ने करीब-करीब आकार ले लिया हैं और दावे के मुताबिक 58 एकड़ में फैले लंदन के सेन्ट जेम्स पार्क जैसे कितने ही विश्वस्तरीय पार्कों को क्षेत्रफल से लेकर खुबसूरती-हरियाली समेत कई पैमानों पर पीछे भी छोड़ दिया हैं. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के सपनों के नये कोटा में ऑक्सीजोन एक चॉद-सा खुबसूरत नगीना साबित होने जा रहा हैं.

कोटा-झालावाड़ रोड़ पर 71 एकड़ में 100 करोड़ के बजट से करीब-करीब बनकर तैयार हो चुके इस सिटी पार्क को यहां लगे करीब 2 लाख पेड़-पौधे नेचुरल ऑक्सीजन जनरेशन का खजाना तो बना ही रहे हैं लेकिन साथ ही आसपास के 8 किमी तक के इलाके को शुद्व कर रहे हैं. ग्लास हाउस, कांच से बना कैफेटेरिया,हरियाली से ढके कृत्रिम पहाड़ों के साथ आर्टहिल,देश-विदेश के दुर्लभ प्रजाति के फूल-पुष्प और पक्षियों के लिये अंडे के आकार का पक्षी बंगला भी खास हैं.साथ ही साथ करीब सवा किलोमीटर लंबी कृत्रिम नहर इस पॉर्क को और भी विशेष बनाती हैं.

यूडीएच मंत्री धारीवाल कहते हैं कि ये पार्क एक समृद्व लाईब्रेरी-नालेज सेन्टर और रिसर्च सेन्टर के साथ आसपास के कोचिंग एरीया के स्टूडेन्ट्स के लिये सुकून वाली जगह होगा और यहीं कोचिंग स्टूडेन्ट्स और उनके अभिभावक पूरे देश में कोटा को पर्यटन सिटी बनाने के एम्बेसेडर होंगे,जो जहां भी रहेगे और जायेंगे तो इस पार्क को अपने जहन से निकाल नहीं पायेंगे और इसका जिक्र जरुर करेंगे.

कोटा का सिटी पार्क अपनी तरह का ऐसा पहला पार्क हैं,जिसके 72 फीसदी इलाके में हरियाली और पेड़ पौधे हैं और 16 फीसदी क्षेत्र के तालाब और कृत्रिम नहर को छोड़कर केवल 12 फीसदी बाग-क्षेत्र में ही उल्टे पिरामिड जैसे कई मार्बल ऑर्ट स्ट्रक्चर बनाये गये हैं. यहां कृत्रिम गुफा से लेकर प्लेजोन की भूलभूलैय्या, अपनी तरह के अनोखे फाउंटेन,हवा के साथ घूमते कायनेटिक टॉवर,5 किमी. लंबा जॉगिंग ट्रेक-साईकिल ट्रेक,सीनियर सिटीजन जोन से लेकर डक पोन्ड तक सबकुछ अद्भुत होगा.तो फर्स्ट इंडिया के साथ इस नायाब पॉर्क की वर्चुअल सैर के बाद आप नये साल के पहले माह में एक छोटा सा टिकट खरीदकर इस पॉर्क के सैर सपाटे पर भी पर्यटनसिटी कोटा आ सकते हैं.