जैसलमेर: भारत पाक सीमा से सटे सरहदी जिले में जैसलमेर में एक बार फिर टिड्डी के छोटे छोटे हमले होने शुरू हो गए जिससे एक बार फिर से टिड्डी को लेकर चिंता सताने लगी है की पिछले साल की भांति इस बार भी कहर ना बरपा दे. एक तरफ इस बार देश में कोरोना के कहर बरपाया हुआ है वही दूसरी तरफ टिड्डी दल फिर से अटैक कर रहे हैं. सीमावर्ती इलाकों में पाकिस्तान की सीमा से सटे इलाकों में टिड्डियों की आफत ने एक बार पुनः दस्तक दी है. अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से भारतीय सीमा में घुसे छोटे छोटे टिड्डियों के समूह को टिड्डी नियंत्रण विभाग ने नष्ट कर दिया है.
नहरी क्षेत्र में टिड्डी दल ने एक बार फिर दस्तक दे दी:
सबसे पहले जैसलमेर के तनोट सीमा क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सीमा बबलियान सीमा चैकी और तनोट के आस पास छोटे-छोटे फाका दल के समूह सीमा पार पकिस्तान से भारत सीमा में घुसपैठ करते दिखाई दिए. वही कुछ दिन पहले जैसलमेर के सम क्षेत्र ने टिड्डियों ने धावा बोला जिससे किसानो ने मंत्री शाले मोहम्मद से गुहार लगाईं .वही आज फिर से सीमावर्ती क्षेत्रों में टिड्डी देखि गई है. सीमावर्ती इलाकों और नो मेन्स लैंड एरिया में टिड्डी का प्रकोप देखा गया. वहीं दूसरी तरफ जैसलमेर के रामगढ़ के नहरी क्षेत्र में टिड्डी दल ने एक बार फिर दस्तक दे दी है जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है. नहरी क्षेत्र के आसुतारा क्षेत्र में टिड्डी दल देखा गया. गत वर्ष टिड्डी दल ने नहरी क्षेत्र में जमकर कहर बरपाया था उसे किसानों को करोड़ों का नुकसान हुआ था. अब सरहदी इलाके में पड़ाव डाल दिया है अगर समय रहते इन पर नियंत्रण के प्रयास नहीं किए गए तो यह टिड्डिया एक बार फिर किसानों की फसलों पर कहर बनकर टूट पड़ेगी क्षेत्र में इंदल की दस्तक के साथ किसानों की चिंता भी बढ़ गई है.
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इसलिए टिड्डियों को लेकर पहले से ही नियंत्रण करने की आवश्यकता:
इस मामले को लेकर कैबिनेट मंत्री शाले मोहम्मद बेहद चिंतित दिखाई दे रहे हैं. मंत्री साले मोहम्मद ने कहा कि अभी से टिड्डियों को लेकर शुरुआत हुई है. शुरुआती तौर पर यदि हम टिड्डियों को लेकर गंभीर दिखाई दे और टिड्डियों को लेकर कंट्रोल करें तो जिससे टिड्डिया आगे नहीं बढ़ पाएगी. क्योंकि कुछ किसानों के ही सब्जी की फसल बोई हुई है क्योंकि गत बार जैसलमेर में जमकर किसानों की फसलों को बर्बाद कर दिया था अब फिर से किसान फसलें बोयेगे इसलिए टिड्डियों को लेकर पहले से ही नियंत्रण करने की आवश्यकता है. क्योंकि पड़ोसी देश टिड्डियों को लेकर बिल्कुल गंभीर नहीं है और इस पर बिल्कुल कार्रवाई नहीं कर रहा है. क्योंकि सीमा पार से लगातार छोटे-छोटे झुंड टिड्डियों के भारतीय सीमा के अंदर आ रही है. यह कहीं ना कहीं खतरे की घंटी है. यदि संख्या इस तरह से बढ़ती रही जिससे लोगों में भय पैदा हो जाएगा जिससे लोग मूंगफली की फसलें या अन्य फसलें हैं वह बोयेगे नहीं इसलिए जरूरी है कि सरकार केंद्र सरकार से बात करें जिससे टिड्डियों को लेकर पहले से प्लान बनाया जाये.