मुंबईः महाराष्ट्र की राजनिती को तहस-नहस करने वाले एंटिलिया विस्फोटक केस में नया मोड़ आया है. असम में एंटीलिया केस की जांच देश की एंजेसी एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) कर रही है. अब इसी मामले से जुड़े हुए मनसुख हिरेन मर्डर केस को भी एमआईए को सौंपने का फैसला किया गया है. जिसके बाद से प्रशासन एक बार फिर हरकत में आ गया है और हड़कंप मच गया है.
मामले की जांच को रोकने के आदेश
गौरतलब है कि महाराष्ट्र की थाणे कोर्ट ने महाराष्ट्र एटीएस को आदेश दिया है कि वे तुरंत इस मामले की जांच को रोक दें क्योंकि इसे राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंपा जा रहा है. हालांकि अभी तक राज्य सरकार ने एटीएस को ये केस एनआईए को सौंपने की अनुमति नहीं दी है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कल महाराष्ट्र एटीएस ने इसी मामले को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया था.
दोनों केस से सियासत गर्माई
बहरहाल महाराष्ट्र एटीएस को मनसुख हिरेन मामले की जांच एनआईए को सौंपनी होगी. गौरतलब है कि एंटीलिया विस्फोटक केस और मनसुख हिरेन मर्डर केस को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति गर्माई हुई है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि किसी ने मशहूर बिजनेसमैन मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटकों से भरी हुई कार पार्क कर दी थी. जिसके बाद कार के मालिक मनसुख हिरेन की संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई थी.
परमबीर सिंह की चिट्टी से मचा था बवाल
जिसके बाद इस मामले में पुलिस के असिस्टेंट सब इंसपेक्टर सचिन वाजे पर जांच एंजिसीयों को शक हुआ था और उन्हें गिरफ्त में ले लिया गया था. जिसके बाद कमिश्नर पद पर तैनात परमबीर सिंह को हटा दिया गया था और आवेश में आकर सिंह ने एक चिट्ठी लिखी थी. जिसमें महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर गंभीर आरोप लगाए गए थे. सिंह के इस कदम से महाराष्ट्र सरकार की नींव हिल गईं हैं.