जयपुर: चार महीनों के बाद पीसीसी में कल से फिर मंत्री दरबार जगमग होगा. वन मंत्री हेमाराम चौधरी और अल्पसंख्यक मामलात मंत्री शाले मोहम्मद करेंगे जन सुनवाई .
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में लगने वाले मंत्री दरबार का अपना अलग महत्व है. उदयपुर चिंतन शिविर में भी यह बात उठी थी कि जहां कांग्रेस की सरकारें हैं वहां पार्टी के मुख्यालयों में मंत्रियों की ओर से जन सुनवाई के नियमित कार्यक्रम होने चाहिए. जिससे आमजन के साथ-साथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की समस्याओं को हल किया जा सके .बीते साल 29 दिसंबर को कोरोना की तीसरी लहर के चलते स्थगित कर दी गई थी जनसुनवाई. कांग्रेस कार्यकर्ताओं में भी आ जाना सुनवाई नहीं होने से निराशा का भाव पैदा हो गया था यही कारण है कि अब फिर से मंत्री दरबार लगना तय हो गया है. प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में फिर से मंत्री दरबार की शुरुआत करेंगे वन मंत्री हेमाराम चौधरी और अल्पसंख्यक मामलात मंत्री शाले मोहम्मद. कांग्रेस के प्रदेश पदाधिकारी इनका सहयोग करेंगे.
पीसीसी में मंत्री दरबार
23मई को मंत्री हेमाराम चौधरी और शाले मोहम्मद
24 मई को मंत्री लाल चंद कटारिया और जाहिदा खान
25 मई को मंत्री महेंद्रजीत मालवीय और ममता भूपेश
30मई को मंत्री परसादी लाल और गोविंद मेघवाल
31 मई को मंत्री भजन लाल जाटव और राजेंद्र सिंह गुढ़ा
1 जून को मंत्री रमेश मीणा और अर्जुन बामनिया
6 जून को मंत्री उदय लाल आंजना और बृजेंद्र ओला
7जून को मंत्री शकुंतला रावत और सुखराम विश्नोई
8 जून को मंत्री विश्वेंद्र सिंह और अशोक चांदना
13 जून को मंत्री बीडी कल्ला और अर्जुन बामनिया
14 जून को मंत्री शांति धारीवाल और राजेंद्र यादव
15 जून को मंत्री डॉ महेश जोशी और सुभाष गर्ग
--- जनसुनवाई कार्यक्रम का मकसद ---
- सुनवाई का असली मकसद है कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पीड़ा और वेदना को सुनना और हल करना
- मंत्रियों के पास आने वाली परिवेदना ओं को मुख्यमंत्री के जन अभाव अभियोग मैं तुम्हें के पास भेजा जाता है
- पीसीसी और सरकार के बीच समन्वय के मद्देनजर जन अभाव अभियोग महकमा नोडल एजेंसी के तौर पर कार्य करता है
- परिवेदना संबंधित महकमे को निस्तारण के लिए भेजी जाती है इसके बाद कार्य की प्रगति रिपोर्ट प्राप्त की जाती है फिर पीसीसी को प्रति भी भेजी जाती है
- जनसुनवाई कार्यक्रम में कुछ काम ऐसे भी होते हैं जो मंत्री सीधे ही मौके पर निपटा देते हैं
- तबादलों के अलावा सभी तरह की समस्याओं खासतौर से जनहित से जुडी परिवेदनाओं को सुनवाई कार्यक्रम में विशेष तवज्जो मिलती है
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में नियमित लगने वाले मंत्री दरबार को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा तक सीधी रिपोर्ट जाती है . प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारी जनसुनवाई कार्यक्रम के दौरान मंत्रियों का सहयोग करने वाले पीसीसी पदाधिकारी ब्यौरा भी रखते हैं कि कितने फरियादी आए और कितनों के काम मौके पर ही निस्तारित किए गए. वसुंधरा राजे के शासन काल में भी भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में नियमित रूप से मंत्री दरबार की परंपरा रही है.