नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अपने एक अंतरिम आदेश में वर्ष 2021-22 के राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा- स्नातकोत्तर (नीट-पीजी) पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए काउंसलिंग शुरू करने को मंजूरी दी और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के छात्रों को 27 प्रतिशत तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए दस प्रतिशत आरक्षण की वैधता को बरकरार रखा.
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि वर्ष 2021-22 के लिए नीट पीजी के वास्ते काउंसलिंग पहले के मानदंडों के आधार पर ही होगी. पीठ ने कहा कि आने वाले वर्षों में ईडब्ल्यूएस के लिए आठ लाख की आय संबंधी मानदंड की वैधता पर निर्णय याचिकाओं पर सुनाई के बाद ही लिया जाएगा. पीठ ने याचिकाओं पर सुनवाई के लिए पांच मार्च की तारीख तय की है.
काउंसलिंग की प्रक्रिया जल्द शुरू होनी चाहिए:
कोर्ट के फैसले के बाद नीट पीजी काउंसलिंग और एडमिशन का रास्ता साफ हो गया है. बता दें कि लंबे समय तक रेजिडेंट डॉक्टर्स ने काउंसलिंग शुरू करने की मांग के साथ प्रदर्शन किए थे. MCC जल्द ही काउंसलिंग डेट्स जारी कर सकता है. अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा की काउंसलिंग की प्रक्रिया जल्द शुरू होनी चाहिए. यह राष्ट्रहित में है क्योंकि देश में फिलहाल रेजिडेंट डॉक्टर्स की भारी कमी है.