Nagaur: सीवरेज परियोजना बनी जी का जंजाल, प्रशासन की अनदेखी के चलते आमजन परेशान

डीडवाना(नागौर): शहर में सीवरेज परियोजना आमजन के लिए ही नहीं बल्कि पालिका और प्रशासन के लिए भी आने वाले दिनों में जी का जंजाल बनने वाली है. डीडवाना (Didwana) शहर के गंदे पानी की निकासी और सीवरेज के लिए करोड़ों रुपए की सीवरेज परियोजना बनी और 2016 में इसे आमजन को समर्पित कर दिया गया. यह परियोजना का प्रथम फेज था और इससे शहर का भीतरी एरिया ही कवर हो पाया था. 

द्वितीय चरण का काम अभी जारी है. लेकिन इससे पहले ही यह परियोजना आमजन के लिए मुसीबत साबित हो रही है. दरअसल, बारिश की सीजन से पहले ही कई स्थानों पर चेंबर ओवरफ्लो होने की शिकायतें आती थी. लेकिन बारिश के बाद पूरे शहर में लगभग यही हाल है. शहर के हर दूसरे नुक्कड़ पर सिवरेज चेंबर ओवरफ्लो होना आम बात हो गई है. आमजन के पास प्रशासन के पास शिकायत पहुंचाने के अलावा कोई रास्ता नहीं है. इन शिकायतों का निपटारा गत तीन महीनों में ना के बराबर हो रहा है. 

जब हमने इसकी असलियत जानने की कोशिश की तो जो सामने आया वो चौकाने वाला तथ्य था. दरअसल, सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट्स शोधित होकर निकलने वाला पानी ही इस समस्या का सबसे बड़ा मूल है. स्थिति यह है की एसटीपी चला रही कंपनी के पास पानी की निकासी के लिए आउटलेट ही नहीं है. नगरपालिका ने पहले एसटीपी के बाहर एक पौंड बनाया थोड़े ही समय में वो भर गया तो पास ही स्थित मेला मैदान का पूरा एरिया शोधित पानी से भर गया.

अब हालत यह है कि यह एरिया अब पूरे दरिया का रूप ले चुका है लेकिन 40 लाख लीटर प्रतिदिन एसटीपी से निकलने वाले पानी ने इस पूरे एरिया की क्षमता भी खत्म कर दी है और ट्रीटमेंट प्लांट में बने सीटीटी और आउटलेट का लेवल बराबर हो गया है. जिसकी वजह से एसटीपी से पानी बाहर नहीं निकल पा रहा है. ऐसे में सीवरेज  पाइप लाइन में ही पानी ब्लॉक हो रहा है. जिसकी वजह से जगह-जगह पर चेंबर ओवरफ्लो हो रहे हैं. 

रिहायशी एरिया के लिए भी यह पानी खतरा:

हालांकि नगरपालिका की तरफ से पानी को सबलेट करने का प्रयास किया गया था लेकिन किसान भी अभी बारिश की वजह से इस पानी को ले नहीं रहे और कुछ किसानों ने जमीन खराब होने के डर से पानी लेना पहले ही बंद कर दिया. हालत यह है की आने वाले कुछ ही समय में अगर इस पानी की निकासी नहीं हुई तो यह पूरे शहर का सीवरेज सिस्टम ब्लॉक कर देगा. साथ ही अगर बारिश की वजह से भारत क्षेत्र को कोई नुकसान हुआ तो इस एरिया के आसपास की रिहायशी एरिया के लिए भी यह पानी खतरा साबित हो सकता है.